कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बहुचर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार तृणमूल युवा नेता कुंतल घोष के संबंध में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि न केवल शिक्षा विभाग में बल्कि अन्य विभागों की नियुक्ति में भी भ्रष्टाचार हुआ है। दरअसल हुगली के खानाकुल के रहने वाले 54 साल के अरुण नाम के एक व्यक्ति ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने कुंतल के हाथों से हस्ताक्षर किया हुआ 4 लाख रुपये का एक चेक जमा किया है जो बैंक में बाउंस हो चुका है।
अरुण ने बताया कि उन्होंने अपने बड़े बेटे रिजु (26 साल) की कृषि विभाग में और रिंशु (24 साल) की शिक्षक के तौर पर नौकरी के लिए अपनी जमीन बेचकर और पत्नी के गहने गिरवी रख कर संटू नाम के एक तृणमूल नेता को 10 लाख रुपये दिए थे। 50 रुपये के स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करके इस बात पर सहमति बनी थी कि नौकरी नहीं होगी तो रुपये वापस मिल जाएंगे। संटू रिजु के दोस्त का मामा है। उसने कुंतल के बारे में बताया था और स्टांप पेपर पर इस बात की सहमति दी थी कि हर हाल में नौकरी होगी। वर्ष 2021 में अरुण ने अपनी पत्नी के गहने पहले गिरवी रखे, उसके बाद जमीन बेच दी और सारे रुपये दे दिए लेकिन नौकरी नहीं मिली। जब संटु से रुपये मांगे तो उसने कुंतल का हस्ताक्षर किया हुआ 4 लाख रुपये का चेक दिया जो बाउंस हो गया।
अरुण बताते हैं कि उनके सामने आत्महत्या करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा कि अब कोर्ट ने कहा है कि जिन लोगों ने रुपये दिए हैं उनकी भी गिरफ्तारी होगी। जमीन भी गई, गहने भी चले गए। पंचायत में बिल्टी काटने का काम करने वाले अरुण का कहना है कि दोनों बच्चे अच्छे खासे पढ़े-लिखे हैं लेकिन नौकरी नहीं लगी है। उनका बेरोजगार बैठा होना एक अलग बोझ है और दूसरी ओर घर जमीन और गहने भी चले गए हैं। समझ में नहीं आ रहा क्या करूं। संटु के बारे में जानकारी सामने आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। इधर प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई ने भी घटना का संज्ञान लिया है। शिक्षा विभाग के अलावा कृषि विभाग में नौकरी के नाम पर रुपये लिए जाने का खुलासा होने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने चुप्पी साध ली है।
मामले पर माकपा के नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि ममता बनर्जी की सरकार ने हरेक विभाग की नौकरी बेच दी है। ईडी और सीबीआई को चाहिए कि इस नए मामले की जांच करें और कहां-कहां भ्रष्टाचार हुआ है उन तमाम पहलुओं को देखें।