कोलकाता : राज्यपाल डॉक्टर सी.वी. आनंद बोस की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के खिलाफ दाखिल मानहानि मामले पर सुनवाई होगी। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को यह स्पष्ट कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि दायर किए गए मानहानि के मुकदमे में अंतरिम आदेश की खातिर दाखिल किए गए राज्यपाल के आवेदन पर सोमवार को सुनवाई होगी।
न्यायमूर्ति कृष्ण राव ने बुधवार को कहा कि इस मामले में सोमवार को सुनवाई करेंगे। न्यायमूर्ति राव ने बोस के वकील को यह भी निर्देश दिया कि वह प्रतिवादियों को आवेदन की प्रतियां उपलब्ध करवाएं। राज्य सचिवालय में 27 जून को एक प्रशासनिक बैठक के दौरान बनर्जी ने कहा था, ‘‘महिलाओं ने मुझे बताया है कि वह हालिया कथित घटनाओं की खबरें सुनने के बाद राजभवन जाने से डरती हैं।’’
उनकी टिप्पणी पर राज्यपाल ने कहा था कि जन प्रतिनिधियों से यह अपेक्षा की जाती है कि वह गलत और निंदनीय धारणाएं न बनाएं। दो मई को राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी ने बोस के खिलाफ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद कोलकाता पुलिस ने जांच शुरू की थी। संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत, किसी राज्यपाल के विरुद्ध उसके कार्यकाल के दौरान कोई आपराधिक कार्रवाई नहीं की जा सकती। राज्यपाल ने जांच शुरू करने की वजह से कोलकाता पुलिस आयुक्त और डीसी सेंट्रल इंदिरा मुखर्जी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आवेदन केंद्रीय गृह मंत्रालय से किया है।
राज्यपाल ने बनर्जी के खिलाफ 28 जून को मानहानि का मामला दायर किया था। इससे एक दिन पहले बनर्जी ने दावा किया था कि महिलाओं ने उनसे राजभवन जाने में डर लगने की शिकायत की थी।