चांद हमारा, अब सूरज की तरफ इशारा, आदित्य एल-1 का प्रक्षेपण कल

श्रीहरिकोटा (आंध्र प्रदेश) : देश के पहले सौर मिशन ‘आदित्य एल-1’ के प्रक्षेपण की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। इसे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) से छोड़ा जाएगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर यह खुशखबरी साझा की है। इसमें कहा गया है कि 23 घंटे 40 मिनट की उल्टी गिनती आज 12 बजकर 10 मिनट पर शुरू हुई।

इस पोस्ट के अनुसार ‘आदित्य एल-1’ शनिवार पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित किए जाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस मिशन पर ऐसे समय अमल किया जा रहा है जब कुछ दिन पहले भारत का चंद्रयान-3 मिशन सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य तक पहुंच चुका है।

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इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया- ‘पीएसएलवी-सी57 / आदित्य एल-1 मिशन : भारतीय समय के अनुसार दो सितंबर 2023 को पूर्वाह्न 11 बजकर 50 मिनट पर प्रक्षेपित करने के लिए उल्टी गिनती शुरू।’

इससे पहले इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने यहां मीडिया से कहा था- ‘रॉकेट और सैटेलाइट तैयार हैं। हमने प्रक्षेपण के लिए अभ्यास पूरा कर लिया है। नियत स्थान पर पहुंचने में 125 दिन लगेंगे।’

इसरो की वेबसाइट के मुताबिक आदित्य एल-1 अंतरिक्ष यान को सूर्य के परिमंडल के दूरस्थ अवलोकन और एल-1 (सूर्य-पृथ्वी लैग्रेंजियन बिंदु) पर सौर हवा का वास्तविक अध्ययन करने के लिए डिजाइन किया गया है। यह पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर है। यह सूर्य के अध्ययन के लिए भारत का पहला समर्पित मिशन है।

भारत के इस मिशन पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि सौर मिशन आदित्य एल-1 के माध्यम से एकत्र किए गए आंकड़ों का विश्लेषण करने के बाद सूर्य के अतीत, वर्तमान और भविष्य के बारे में नई जानकारी मिल सकेगी। आने वाले दशकों और सदियों में पृथ्वी पर संभावित जलवायु परिवर्तन को समझने के लिए यह आंकड़े महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

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