विकसित भारत के लिए अगले दो दशक बहुत महत्वपूर्ण : प्रधानमंत्री मोदी

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज दिल्ली के यशोभूमि में भारत ऊर्जा सप्ताह-2025 का वर्चुअली उद्घाटन किया। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि ‘विकसित भारत के लिए अगले दो दशक बहुत महत्वपूर्ण हैं। अगले पांच साल में हम कई बड़े मील के पत्थर पार करने जा रहे हैं। हमारे कई ऊर्जा लक्ष्य 2030 की समय सीमा के अनुरूप हैं।

उन्होंने कहा, हमारे ये लक्ष्य बहुत महत्वाकांक्षी लग सकते हैं लेकिन भारत ने पिछले 10 वर्षों में जो हासिल किया है, उससे यह विश्वास पैदा हुआ है कि हम इस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। पिछले 10 वर्षों में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश है।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दशक में भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से बढ़कर 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। हमारी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता में 32 गुना वृद्धि हुई है। आज भारत तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश है। इसके अलावा, हमारी गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता तीन गुनी हो गई है।

उन्होंने कहा कि दुनिया का हर एक्सपर्ट आज कह रहा है कि 21वीं सदी, भारत की सदी है। भारत अपनी ही नहीं, दुनिया की ग्रोथ को भी ड्राइव कर रहा है और इसमें हमारे ऊर्जा सेक्टर की बहुत बड़ी भूमिका है। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा साझेदारी पांच खंभों पर खड़ी है। हमारे पास संसाधन हैं, जिनमें हम हार्नेस करा रहे हैं। हम अपने प्रतिभाशाली दिमागों को इनोवेट करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। हमारे पास आर्थिक ताकत है, राजनीतिक स्थिरता है। भारत के पास रणनीतिक भूगोल है, जो ऊर्जा व्यापार सबसे आकर्षक और आसान जगह है। भारत, ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी के लिए प्रतिबद्ध है, जिससे भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नई संभावानाएं तैयार हो रही हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत अपने लक्ष्य से काफी पहले ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर रहा है। इसका एक उदाहरण ‘इथेनॉल मिश्रण’ है। हम वर्तमान में 19 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण कर रहे हैं, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत हुई है, किसानों के लिए पर्याप्त राजस्व उत्पन्न हुआ है और सीओ2 उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी आई है। हम अक्टूबर 2025 से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि मेक इन इंडिया पहल के साथ, हम स्थानीय आपूर्ति और विनिर्माण को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। पिछले दशक में, भारत की सौर पीवी मॉड्यूल विनिर्माण क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 2 गीगावाट से बढ़कर 70 गीगावाट हो गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत की जैव ईंधन उद्योग तेजी से ग्रो करने को तैयार है। हमारे पास 500 मिलियन मैट्रिक टन का टिकाऊ फीडस्टॉक है। भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन बना, जो लगातार विस्तार कर रहा है। 28 नेशन और 12 अंतरराष्ट्रीय संगठन जुड़ चुके हैं। ये कचरे को संपत्ति में ट्रांसफार्म कर रहा है और उत्कृष्टता का केंद्र सेट रहा है।

उन्होंने कहा कि हमने देश के सामान्य परिवारों और किसानों को ऊर्जादाता बनाया है। बीते साल हमने पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना शुरू की। इस योजना का स्कोप सिर्फ ऊर्जा उत्पादन तक ही सीमित नहीं है। इससे सोलर सेक्टर में नई स्किल्स बन रही हैं, नया सर्विस इकोसिस्टम बन रहा है और आपके लिए इंवेस्ट की संभावनाएं भी बढ़ रही हैं।

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