कोलकाता : कोलकाता के आर.जी. कर अस्पताल में हुई भयावह घटना ने पूरे शहर को हिला कर रख दिया है। अस्पताल में एक युवा महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या के आरोपित को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसका नाम संजय राय है।
सूत्रों के अनुसार, आरोपित ने अपना अपराध कबूल कर लिया है, लेकिन उसके चेहरे पर कोई पछतावा नहीं दिख रहा है। उसने जांच के दौरान कहा कि फांसी देनी है तो दे दो। गिरफ्तार आरोपित पेशे से एक सिविक वोलंटियर है। उसे अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पकड़ा गया था। पुलिस ने शुक्रवार रात को उसे हिरासत में लिया और शनिवार सुबह उसे औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया।
रिपोर्टों के अनुसार, आरोपित शुक्रवार सुबह अस्पताल में प्रवेश करते देखा गया था और लगभग 30 से 35 मिनट तक वहां मौजूद रहा। जांचकर्ताओं का मानना है कि आरोपित के सिविक वोलंटियर होने के कारण उसे अस्पताल में प्रवेश और बाहर निकलने में कोई परेशानी नहीं हुई।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपित गुरुवार रात 11 बजे के करीब पहली बार अस्पताल में दाखिल हुआ था। उसके बाद, वह बाहर गया और शराब पी। बाद में, नशे की हालत में वह सुबह चार बजे फिर से अस्पताल में दाखिल हुआ। अस्पताल में प्रवेश करते समय उसके गले में ब्लूटूथ हेडफोन था, जो बाहर निकलते समय नहीं था। बाद में, घटनास्थल से हेडफोन के टूटे हुए हिस्से बरामद किए गए। इन्हीं सुरागों और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया।
जांचकर्ताओं ने आरोपित के मोबाइल फोन में कई अश्लील वीडियो भी पाए हैं, जिससे पता चलता है कि उसकी मानसिक स्थिति विकृत हो सकती है। पुलिस इस पहलू की भी गहन जांच कर रही है। इसके बावजूद, आरोपित ने गिरफ्तारी के बाद भी अपने कृत्य के लिए कोई पछतावा नहीं दिखाया और उसका रवैया अब भी आक्रामक बना हुआ है।
शुक्रवार को अस्पताल के आपातकालीन विभाग के चौथे मंजिल के सेमिनार हॉल से युवती डॉक्टर का शव बरामद किया गया। प्रारंभिक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह पाया गया कि उसकी दोनों आंखों से खून बह रहा था। उसके हाथ, उंगलियों, पैर, पेट सहित शरीर के विभिन्न हिस्सों पर चोट के निशान थे। जांचकर्ताओं का मानना है कि अपराध से पहले पीड़िता के साथ अत्यधिक क्रूरता की गई थी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोपित के लिए कड़ी सजा की मांग की है। राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में जूनियर डॉक्टरों ने इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। सभी की एक ही मांग है – “न्याय चाहिए।” मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोध करने वालों का गुस्सा जायज है और उन्होंने इस घटना की जांच किसी भी एजेंसी से कराने का प्रस्ताव भी रखा है। शनिवार को आरोपित को अदालत में पेश किया गया, जहां उसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।