कोलकाता : पश्चिम बंगाल में महंगाई भत्ता डीए की मांग पर पिछले 70 दिनों से कोलकाता के शहीद मीनार मैदान में आंदोलन पर बैठे कर्मचारियों से राज्य सरकार की बैठक करनी होगी। गुरुवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने यह आदेश दिया है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम के खंडपीठ ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई की। इस दौरान सरकारी कर्मचारियों की ओर से कहा गया कि हाईकोर्ट ने कई बार राज्य सरकार को ठोस निर्देश दिया है कि महंगाई भत्ता दे दी जाए। हर बार इसे कानूनी पचड़े में फंसाकर रोका जा रहा है। महंगाई भत्ता सरकारी कर्मचारियों का अधिकार है। केंद्र सरकार के कर्मचारी 39 फीसदी डीए पा रहे हैं लेकिन राज्य कर्मचारियों को लगातार इसके लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। इसके अलावा कर्मचारियों की ओर से इस बात को भी कोर्ट में रखा गया कि मुख्यमंत्री आंदोलन करने वाले कर्मचारियों को अपमानित कर रही हैं, उन्हें चोर डकैत कह रही हैं। इस पर न्यायाधीश ने स्पष्ट कर दिया कि सरकारी कर्मचारियों के आंदोलन का सम्मान करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के महाधिवक्ता को कहा कि राज्य सरकार 17 अप्रैल के पहले सरकारी कर्मचारियों के साथ बैठक कर इस मामले में रास्ता निकालें।
कोर्ट ने कहा कि कर्मचारी संगठनों की ओर से तीन लोगों का नाम प्रतिनिधि के तौर पर देना होगा। उन्हीं तीन लोगों से राज्य सरकार को बात करनी होगी।
उल्लेखनीय है कि आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें केंद्र सरकार के पैमाने के मुताबिक 39 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दिया जाए। हालांकि राज्य सरकार ने पिछले दो सालों में महज 6 फ़ीसदी डीए की घोषणा की है जिसे लेकर कर्मचारियों में असंतोष है।