नयी दिल्ली : ट्वीटर के पूर्व सीईओ जैक डोर्सी के बयान से देश की राजनीति को एक और मुद्दा मिल गया है। सरकार ने डोर्सी के बयान को ‘सफेद झूठ’ बताया है।
ट्वीटर के पूर्व सीईओ ने कल एक यूट्यूब पोडकास्ट में कहा था कि किसान आंदोलन के दौरान भारत सरकार की ओर से कंपनी पर दबाव डाला गया था। सरकार आलोचना करने वाले पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई चाहती थी। धमकी भी दी गई थी कि उसके कर्मचारियों पर छापे मारे जायेंगे और उन्हें जेल भेजा जाएगा।
सीईओ के दावे को सफेद झूठ बताते हुए केन्द्रीय मंत्री राजीव चन्द्रशेखर ने कहा कि 2020 से 2022 के दौरान ट्वीटर ने भारतीय कानूनों का अनुपालन ठीक से नहीं किया। झूठी और गलत जानकारी ट्वीटर पर प्रचारित होती रही। इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहीं विघटनकारी आवाज को बढ़ावा दिया जाता रहा।
उन्होंने कहा कि दूसरी ओर एक विचारधारा से अलग विचार रखने वालों पर कार्रवाई होती रही। ट्वीटर ने अपनी ताकत का दुरुपयोग किया। भारत सरकार चाहती है कि हर भारतीय के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाना चाहिए। जैक डोर्सी का बयान दुखद है। 2022 के जून में एलन मस्क का ट्वीटर संभालने के बाद स्थितियां ठीक हुई।
ट्वीटर सीईओ के बयान को कांग्रेस ने सनसनीखेज खुलासा करार दिया है। पार्टी नेता सुप्रीया श्रीनेत ने कहा कि इससे सरकार का असली चेहरा सामने आ गया है।
किसान नेता राकेश टिकैत ने जैक डोर्सी के बयान को सही बताया है। उनका कहना है कि किसान आंदोलन के दौरान हमें फेसबुक और ट्वीटर पर पर्याप्त पहुंच नहीं मिल पा रही थी।