कोलकाता : कर्मचारियों के डीए को लेकर मुख्यमंत्री के बयान को बंगीय शिक्षक एवं शिक्षाकर्मी संघ के राज्य सह सचिव बापी प्रामाणिक ने हताशाजनक बताया है।
सोमवार को मीडिया से बात करते हुए बापी प्रामाणिक ने कहा कि राज्य के बजट 2022-23 में सरकारी कर्मचारी, शिक्षकों के वार्षिक वेतन में वृद्धि एवं महार्घ भत्ता को लेकर कोई चर्चा नहीं की गयी है, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री कह रही हैं कि हमलोगों ने बहुत देखा, हमारे पास रुपये छापने की मशीन नहीं हैं, रिजर्व बैंक नहीं है। यह सब बातें बेहद शर्मनाक हैं।
शिक्षक नेता ने कहा कि देश के अधिकतर भागों में डीए 31 प्रतिशत है लेकिन पश्चिम बंगाल में केवल तीन यानी 28 प्रतिशत का फर्क है। कई हजार शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी गई है। बापी प्रामाणिक ने कहा कि मुख्यमंत्री की बात को सुनकर कर्मचारी एवं शिक्षकों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि जुलाई महीने में वार्षिक वेतन में वृद्धि होगी। डीए, वेतन एवं पेंशन को लेकर हमारा संगठन सरकार की इस लापरवाही को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकता। दिशाहीन बजट एवं अर्थनैतिक विचार की हम कड़ी निंदा करते हैं।