चित्रकार : कीर्ति मेहता
कोलकाता: भगवान शिव के प्रति श्रद्धा और भक्ति की एक अनोखी मिसाल गुजरात से कोलकाता तक पहुँच चुकी है। शिव भक्तों में एक प्रचलित मान्यता है कि भगवान शिव ने जब समुद्र मंथन से निकलने वाले विष को पी लिया था और वह गले में अटक गया था, तब उनके गले में ठंडक पहुँचाने के लिए उन्हें घी चढ़ाया गया था। इस मान्यता को ध्यान में रखते हुए, गुजरात और महाराष्ट्र में एक प्रथा कई वर्षों से चली आ रही है। इसके तहत भक्त शिव लिंग पर कमल के आकार में घी चढ़ाते हैं, ताकि भगवान शिव को शांति मिले और उनकी गले में ठंडक का एहसास हो।
इस परंपरा का पालन करते हुए कीर्ति मेहता, जो गुजरात से कोलकाता आए हुए हैं, ने एक चित्र बनाया है। इस चित्र में भगवान शिव का रूप दर्शाया गया है। यह चित्र कोलकाता में स्थित शिव मंदिर में अर्पित करने के लिए लाया गया है।
शिव भक्तों का कहना है कि इस तरह की प्रथा और आस्था से उनकी श्रद्धा और विश्वास को बल मिलता है। कीर्ति मेहता का यह चित्र कोलकाता में शिव जी को समर्पित करने के लिए खासतौर पर तैयार किया गया है, जिससे यहां के भक्त भी शिव की कृपा प्राप्त कर सकें।
यह अनूठी प्रथा और कला का संगम शिव भक्तों की आस्था को और भी दृढ़ करता है।