नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने 2016 में हुई नोटबंदी के खिलाफ दाखिल याचिकाओं को खारिज कर दिया है । जस्टिस एस अब्दुल नजीर की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय संविधान बेंच ने कहा कि यह कार्यपालिका की आर्थिक नीति थी, उसे पलटा नहीं जा सकता। कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी का फैसला लेने की प्रक्रिया में कोई कमी नहीं थी इसलिए उस नोटिफिकेशन को रद्द नहीं किया जा सकता।
बेंच ने कहा कि पुराने नोट बदलने के लिए 52 हफ्ते का पर्याप्त समय दिया गया था। उसे अब बढ़ाया नहीं जा सकता। 1978 में नोटबंदी के लिए तीन दिन का समय दिया गया था। उसे पांच दिनों के लिए और बढ़ाया गया था। उल्लेखनीय है कि 07 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। संविधान बेंच में जस्टिस एस अब्दुल नजीर के अलावा जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बी वी नागरत्ना शामिल हैं।