कोलकाता : मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि दुआरे सरकार और दुआरे राशन कहां है। अभी दरवाजे पर बाढ़ का पानी और आपदा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभिन्न परियोजनाओं का नामकरण करके लोगों को परेशान कर रही है। बुधवार को चक्रवर्ती ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जो राज्य सरकार चला रहे हैं, उन्होंने घर-घर राशन देने का वादा किया था लेकिन आज तक दरवाजे पर राशन देने की व्यवस्था सरकार नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि दरवाजे पर राशन योजना फेल है। अगर सरकार कुछ भी कहती है, तो उसे संरक्षित करना होगा। सरकार कहेगी लेकिन करेगी नहीं। इससे लोग परेशान होते हैं। सरकार को यह देखना होगा कि दुआरे पर राशन का संचालन करने के लिए क्या करने की आवश्यकता है। इसे तुरंत किया जाना चाहिए। नहीं तो बस के किराए की तरह होगा। सरकार बसों का किराया नहीं बढ़ा रही है और लोगों को बस का किराया दोगुना देना पड़ रहा है। एक असफल सरकार केवल बयानबाजी करती है।
लक्खी पूजन पर बाजार में सामानों की बढ़ती कीमतों के लिए भी उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि बाजार में हर चीज की कीमतें आसमान छू रही हैं। बाजार की बढ़ती कीमतों को लेकर उन्होंने सरकार को पत्र लिखा है। बाजार में कीमतों को लेकर राज्य सरकार गूंगा बन जाती है। लोगों की आमदनी घट रही है और खर्च बढ़ रहा है।
चक्रवर्ती ने बांग्लादेश में सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं की कड़ी निंदा की है। आरएसएस और भाजपा इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है। बांग्लादेश की घटनाओं से उन्हें अपना वोट बढ़ाने में मदद मिलेगी। जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकारें बांग्लादेश की घटनाओं को वोटों के चश्मे से देख रही है, वह एक अपराध है। उन्होंने कहा कि हमें कट्टरवाद के खिलाफ खड़ा होना होगा, चाहे वह यहां या चाहे वहां हो।