‘कोरोना महामारी का अंतिम दौर सोचना हो सकता है खतरनाक’

WHO

जिनेवा : कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख टेड्रोस एडहानोम गेब्रेयेसस ने चेतावनी देते हुए कहा कि इसे जरा भी हल्के में नहीं लें, यह कोरोना महामारी का अंत नहीं है। टेड्रोस ने कोरोना वायरस के और स्वरूपों के आने की आशंका जताते हुए कहा कि हम महामारी के अंतिम दौर में हैं, यह विचार खतरनाक है।

डब्ल्यूएचओ प्रमुख ने यह भी कहा कि अगर अहम लक्ष्यों को हासिल कर लिया जाता है तो महामारी का घातक दौर इस साल खत्म हो सकता है। विश्व निकाय के महानिदेशक गेब्रेयेसस ने कोरोना के विरुद्ध वैश्विक अभियान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला और तंबाकू के इस्तेमाल, जीवाणु रोधी इलाज के खिलाफ प्रतिरोध की लड़ाई, जलवायु परिवर्तन के मानव स्वास्थ्य पर पड़ने वाले असर जैसी वैश्विक चिंताओं पर बात रखी। उन्होंने कहा कि महामारी के घातक चरण को खत्म करना हमारी सामूहिक प्राथमिकता होनी चाहिए।

गेब्रेयेसस ने डब्ल्यूएचओ की कार्यकारी बोर्ड की बैठक की शुरुआत में कहा कि महामारी कैसा रूप धारण करेगी और कैसे विकट चरण को खत्म किया जाए इसको लेकर अलग-अलग परिदृश्य हैं। लेकिन यह मानना खतरनाक होगा कि ओमिक्रॉन, वायरस का आखिरी स्वरूप होगा या महामारी खत्म होने को है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, वैश्विक स्तर पर वायरस के और स्वरूप आने के लिए आदर्श अवस्था मौजूद है।

गेब्रेयेसस ने जोर देकर कहा कि हम कोविड-19 महामारी को दिए गए वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के दर्जे को खत्म कर सकते हैं और यह हम इसी साल कर सकते हैं कि यह डब्ल्यूएचओ के लक्ष्यों को, जैसे प्रत्येक देश में साल के मध्य तक 70 फीसदी आबादी का टीकाकरण, कोविड-19 से अधिक खतरे वाले लोगों पर ध्यान केंद्रित कर, जांच में सुधार कर और वायरस और उसके स्वरूप पर नजर रखने के लिए आनुवंशिकी अनुक्रमण की दर बढ़ाने को प्राप्त करके कर सकते हैं।

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