यह समय सोने का नहीं, संकल्प करके त्याग-तप और परिश्रम का है : प्रधानमंत्री मोदी

सिरोही : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि माउंट आबू की सुंदरता और महानता में ब्रह्माबाबा का विशेष योगदान है। दादीजी जानकी और हृदय मोहिनी मौजूद नहीं हैं लेकिन उनका आशीर्वाद हमेशा साथ रहा। प्रधानमंत्री गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ब्रह्म कुमारी विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित ‘आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर’ कार्यक्रम के राष्ट्रीय शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में ब्रह्म कुमारियों द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित साल भर चलने वाली पहलों का अनावरण किया गया। इसमें तीस से अधिक अभियान, पंद्रह हजार से अधिक कार्यक्रम और आयोजन शामिल हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने पन्नाधाय, अहिल्याबाई होलकर, झलकारी बाई, लक्ष्मीबाई और मीराबाई जैसी महान नारियों का उल्लेख करते हुए सामाजिक चेतना, स्वतंत्रता संग्राम और शैक्षिक आजादी में दिए उनके योगदान को याद किया। उन्होंने देश की आध्यात्मिकता, तकनीक, चेतना, विविधता और संस्कृति को संवर्धित और संरक्षित रखने का आह्वान किया। मोदी ने कहा यह समय सोने का नहीं है, बल्कि संकल्प करके त्याग-तप और परिश्रम का है। उन्होंने ब्रह्माकुमारी को नेचुरल फार्मिंग के लिए प्रेरणा देने में आदर्श की भूमिका निभाने का आह्वान किया। ब्रह्माकुमारीज के सोलर पॉवर का उल्लेख करते हुए क्लीन एनर्जी के क्षेत्र के विकल्पों पर भी मोदी ने बात की।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर युग के कालखण्ड के मूल्यों के आधार पर समाज को सजग रखना, दोषमुक्त रखना अनिवार्य है। यह निरंतर करने वाली प्रक्रिया है। उस समय की जो भी पीढ़ी होती है, उसे यह दायित्व निभाना ही होता है। ब्रह्माकुमारी जैसे लाखों संगठन यह काम कर रहे हैं लेकिन हमें यह भी मानना होगा कि आजादी के बाद के 75 वर्षों में हमारे देश में एक बुराई सबके भीतर घर कर गई है। यह बुराई है अपने कर्तव्यों से विमुख होना। बीते 75 वर्षों में हमने सिर्फ अधिकारों की बात की है। अधिकारों के लिए झगड़ते-जूझते रहे। अधिकार की बात कुछ हद तक, कुछ समय के लिए किसी एक परिस्थति में सही हो सकती है परन्तु अपने कर्तव्यों को पूरी तरह भूल जाने की बात ने भारत को कमजोर करने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा कि भारत ने अपना बहुत बड़ा समय इसलिए गंवाया है, क्योंकि कर्तव्यों को प्राथमिकता नहीं दी। सिर्फ अधिकार की बात करने से समाज में जो कमी आई है, उसे हम मिलकर आने वाले 25 वर्षों में कर्तव्यों की साधना करके पूरा कर सकते हैं। ब्रह्माकुमारी यह काम बहुत आसानी से कर सकते हैं, क्योंकि आप कर्तव्यनिष्ठ लोग हैं। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, सीएम अशोक गहलोत, गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, ब्रह्माकुमारीज की अतिरिक्त मुख्य प्रशासक मोहिनी बहन, संयुक्त मुख्य प्रशासक मुन्नी दीदी मौजूद थीं।

इस मौके पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आजादी का अमृत महोत्सव के जरिये स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्था हमेशा समाजसेवी कार्यक्रमों के माध्यम से देश निर्माण का काम कर रही है। उन्होंने कहा पूरे विश्व में अगर देश का नाम है तो उसमें इस संस्था का भी योगदान है।

उन्होंने कहा कि आजादी कैसे मिली, इसको याद करने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता। गहलोत ने कहा कि तनाव में हो तो ओम शांति का उच्चारण बोल दो तो शांति मिलती है। मुझे दादी जी का आशीर्वाद मिलता रहता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में तनाव और चिंता के माहौल को दूर करने की आवश्यकता है और ब्रह्माकुमारी परिवार इसको दूर करने में भूमिका निभा सकता है। कार्यक्रम को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी संबोधित किया।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रह्म कुमारियों की सात पहलों को हरी झंडी दिखाई। इन पहलों में ‘मेरा भारत स्वस्थ भारत’ आत्मनिर्भर भारत : आत्मनिर्भर किसान, महिलाएं : भारत की ध्वजवाहक, शांति बस अभियान की शक्ति, अनदेखा भारत साइकिल रैली, यूनाइटेड इंडिया मोटर बाइक अभियान और स्वच्छ भारत अभियान के तहत हरित पहल शामिल हैं। कार्यक्रम के दौरान, ग्रैमी अवार्ड विजेता रिकी केज द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव को समर्पित एक गीत भी जारी किया गया।

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