“हर चौखट पर यही दुआ है, वतन मेरा आबाद रहे” – पश्चिमबंग हिन्दी अकादमी ने बहाई काव्य सरिता

कोलकाता : पश्चिम बंगाल सरकार के सूचना एवं संस्कृति विभाग के अंतर्गत पश्चिमबंग हिंदी अकादमी ने स्वाधीनता दिवस की पूर्व संध्या पर अपने अकादमी हाल में एक कवि सम्मेलन काव्य सरिता आयोजित किया। इस कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे नगर के वरिष्ठ कवि योगेंद्र शुक्ल सुमन और विशेष अतिथि थे रचनाकार संस्था के संस्थापक अध्यक्ष सुरेश चौधरी।

वरिष्ठ कवि और अकादमी सदस्य रावेल पुष्प के संयोजन और संचालन में हुए इस कवि सम्मेलन में अकादमी की ओर से रचना सरन ने सभी कवियों का स्वागत तिरंगे दुपट्टे से किया। कवि सम्मेलन की शुरुआत में तिरंगे को संबोधित युवा कवि आलोक चौधरी ने अपनी काव्य रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि- मुसलमान और हिंदू की जान,हमारा प्यारा हिंदुस्तान। इस सम्मेलन में देशभक्ति से पूर्ण और शहीदों को स्मरण करते हुए भावपूर्ण रचनाएं प्रस्तुत की गईं, मसलन- रवि प्रताप सिंह की पंक्तियां थीं- मुल्क की खातिर मिटे कुछ नौजवां ऐसे भी थे, पत्थरों पर दर्ज हैं गहरे निशां ऐसे भी थे, वहीं नवीन कुमार सिंह ने उद्घोष किया कि- समर भूमि में शीश चढ़ाकर सीमा की रक्षा को सैनिक, तीन रंग का पहन के चोला स्वयं तिरंगा हो जाता है।

वरिष्ठ कवि योगेंद्र शुक्ल सुमन ने अपनी लंबी कविता हमारा प्यारा भारतवर्ष के अंतर्गत जहां कुछ राज्यों के देश की स्वतंत्रता में अवदान का खूबसूरत चित्र उकेरा, वहीं युवा कवयित्री रजनी मूंधड़ा की काव्य पंक्तियां काबिले-गौर थीं- अमर शहीदों की सारी वंदन कुर्बानी याद रहे, हर चौखट पर यही दुआ है वतन मेरा आबाद रहे! गौरतलब है कि हिंदी अकादमी द्वारा अपने हाल में हो रहे इस कवि सम्मेलन को उपस्थित काव्य रसिकों ने भरपूर सराहा, जिनमें शामिल थे- सर्वश्री सेराज खान बातिश, जीवन सिंह, मौसमी प्रसाद, विनोद यादव, गुरदीप सिंह संघा, भूपेंद्र सिंह बशर, रमाकांत सिन्हा, श्यामल भट्टाचार्य, वी अरुणा, प्रदीप कुमार धानुक, उषा जैन, सीमा शर्मा, चंद्रिका प्रसाद पांडे अनुरागी, शारदा चौधरी,अंजू सेठिया, रूमा दास, शाहिद फ़रोगी, प्रगति दुबे,प्रिया श्रीवास्तव तथा अन्य।

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