कोलकाता : पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के हिंदी भाषी लोगों के लिए आस्था का महापर्व छठ पूजा के लिए कोलकाता में व्यापक व्यवस्था की गई है। कोलकाता नगर निगम और कोलकाता मेट्रो डेवलपमेंट अथॉरिटी (केएमडीए) ने मिलकर महानगर में 170 ऐसे घाट तैयार किए हैं, जहां छठ व्रती अस्ताचलगामी और उदयमान सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगे।
मंगलवार को कोलकाता नगर निगम से जानकारी मिली है कि इस साल छठ पूजा के लिए गंगा नदी के 30 घाटों पर साफ-सफाई, सुरक्षा और अर्घ्य देने की व्यवस्था की गई हैं। इसके साथ कोलकाता में 140 अस्थाई जलाशय बनाए गए हैं। इसके लिए जलाशयों में लकड़ी की अस्थाई सीढी भी लगाई जाएगी, जिस पर व्रती सूर्य को अर्घ्य दे सकेंगे।
खास बात यह है कि कोलकाता के ऐतिहासिक रवींद्र सरोवर पर इस बार छठ पूजा पूरी तरह से प्रतिबंधित है। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के आदेशों को ध्यान में रखते हुए केएमडीए ने मंगलवार शाम 6 बजे से ही रवींद्र सरोवर के सभी 12 गेट को बंद करने का निर्णय लिया है, जो गुरुवार शाम तक बंद रहेंगे। दो साल पहले कुछ लोगों ने रवींद्र सरोवर के गेट को तोड़कर जबरन घुस कर पूजा की थी। इसलिए इस बार यहां विशेष तौर पर सतर्कता बरती गई है।
मंगलवार को केएमडीए के वरिष्ठ अधिकारियों और कोलकाता पुलिस ने रवींद्र सरोवर में बैरिकेडिंग कार्य का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने गेट नंबर चार (पीडब्ल्यूडी गेट) और गेट नंबर पांच (मदर डेयरी गेट) पर पुलिस सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। जलाशयों के सभी द्वारों पर पूजा प्रतिबंधित सूचना संबंधी फ्लैक्स लगाए गए हैं।
नगर निगम ने छठ पूजा के लिए शहर में स्थायी घाट और अस्थायी घाट पहले से ही निर्धारित किए गए हैं। छह स्थायी घाट कस्बा के फोर्टिस अस्पताल के पास नोनाडांगा में और अन्य दो ईएम बाईपास कनेक्टर और दूसरा पाटुली में सत्यजीत रॉय पार्क से सटा कर बनाए गए हैं। अस्थायी घाटों को इस तरह से विकसित किया गया है कि बिहारी समाज को छठ पूजा करने के लिए अपने-अपने घरों से दूर की यात्रा करने की आवश्यकता नहीं होगी।
बताया गया जिन 16 जलाशयों में 39 घाटों पर जैव शौचालय, पुलिस सहायता बूथ, महिलाओं के लिए चेंजिंग रूम, प्रकाश व्यवस्था और चिकित्सा सहायता बूथ बनाए गए हैं। पेयजल की सुविधा के लिए केएमसी से सहायता ली गई है। अस्थाई घाटों पर लकड़ी या प्लाई का मंच स्थापित किया जाएगा और व्यवस्था ऐसी होगी कि छठ पूजा के श्रद्धालु सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए छाती के गहरे पानी से आगे नहीं जा सकें। किसी भी आपात स्थिति में तत्काल बचाव के लिए एनडीआरएफ की 15 नौकाओं को तैनात किया जाएगा। हर साल छठ पूजा के दिन मुख्यमंत्री के बाबूघाट पर आने और व्रतियों से वार्ता की संभावना को देखते हुए यहां विशेष सुरक्षा की व्यवस्था की गई है।