कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने गुरुवार को विधानसभा चुनाव में उत्तरपाड़ा से भाजपा उम्मीदवार प्रबीर घोषाल का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा है।
गुरुवार को इको पार्क में प्रातः भ्रमण के दौरान मीडिया से बातचीत में दिलीप घोष ने कहा कि किसी ने कहा कि मैंने पहले गलती की थी और कोई कहता है कि अब मैं गलत कर रहा हूं। वे पहले पता करें कि किसने क्या गलत किया। भारतीय जनता पार्टी गंगा जैसी पवित्र थी और रहेगी, बहुत से लोग आए हैं जो उस पवित्रता को सहन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई गंदे तालाब में सहज महसूस करता है तो क्या किया जा सकता है। जो गंदे तालाब में थे, वो वहीं चले जाएं, आराम से रहे, हमें कोई दिक्कत नहीं है।
उल्लेखनीय है कि 2016 में उत्तरपाड़ा से चुनाव जीतकर पेशे से पत्रकार प्रबीर घोषाल तृणमूल विधायक बने थे लेकिन 2021 विधानसभा वोट से पहले उन्होंने तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। हालांकि, वह भाजपा के टिकट पर उत्तरपाड़ा निर्वाचन क्षेत्र से हार गए। अब प्रबीर घोषाल बागी हो गए हैं। उन्होंने बुधवार को तृणमूल के मुखपत्र ‘जागो बांग्ला’ में लेख लिखकर पार्टी छोड़ने का संकेत दिया है। साथ ही तृणमूल के पूर्व विधायक ने भाजपा को अर्थ केंद्रित पार्टी करार देते हुए यह बताया है कि क्यों वह भाजपा में नहीं रह सकते हैं। प्रबीर घोषाल का दावा है कि भाजपा नेता तथागत रॉय ने भी यही बात कही थी। उसके बाद सवाल उठ रहा है कि अब प्रबीर घोषाल तृणमूल में वापसी करने जा रहे हैं।
उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को सांसदों और विधायकों के साथ प्रशासनिक बैठक की। काम से संतुष्ट नहीं होने पर उन्होंने प्रतिनिधियों को धमकाया भी। ममता पर हमला बोलते हुए दिलीप घोष ने कहा कि जब भी उनको गुस्सा आता है, तो वह इस तरह की बातें करके लीपापोती करने की कोशिश करती हैं। बंगाल के लोग ऐसे नाटक देखकर थक चुके हैं। लोगों को सड़क पर खड़ा करके नाम लिखने के लिए एक पैसा भी नहीं देती। चुनाव के समय सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें करती हैं लेकिन काम नहीं होता है।
बीएसएफ का क्षेत्राधिकार बढ़ाने के मुद्दे पर दिलीप घोष ने कहा कि बीएसएफ ने आम लोगों को नहीं बल्कि बांग्लादेशियो को मारा है और इसके लिए उसका दायरा बढ़ा दिया गया है। जो लोग बांग्लादेशियों के पैसे से व्यापार करते हैं, वे इसे लेकर विवाद खड़े कर रहे हैं। देश की जनता खुश है। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जरूरत है, देश की सुरक्षा सर्वप्रथम है।