नयी दिल्ली : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी मंगलवार को वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट संसद में पेश करेंगी। ये लगातार चौथा मौका होगा जब सीतारमण बजट पेश करेंगी। संसद के बजट सत्र की शुरुआत 31 जनवरी से हो चुकी है, जो 8 अप्रैल, 2022 तक चलेगी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद आर्थिक सर्वेक्षण 31 जनवरी को पेश किया गया, जबकि बजट आज संसद में 11 बजे वित्त मंत्री पेश करेंगी। बतौर वित्त मंत्री उनके नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का भी रिकॉर्ड है। ऐसे में आइए जानते हैं भारत में कब पेश हुआ था पहला बजट और किसके नाम क्या रिकॉर्ड दर्ज है।
भारत का पहला बजट
भारत में पहली बार 7 अप्रैल, 1860 को बजट पेश किया गया था। ईस्ट इंडिया कंपनी से जुड़े स्कॉटिश अर्थशास्त्री एवं नेता जेम्स विल्सन ने ब्रिटिश साम्राज्ञी के समक्ष भारत का बजट रखा था।
स्वतंत्र भारत का पहला बजट
आजादी मिलने के बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट 26 नवंबर, 1947 को पेश किया गया था। उस समय (तत्कालीन) के वित्त मंत्री आर के षण्मुखम चेट्टी ने यह बजट पेश किया था।
सबसे लंबा बजट भाषण
सबसे लंबा बजट भाषण का रिकॉर्ड मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के ही नाम पर है। उन्होंने वित्त वर्ष 2020-21 का बजट पेश करते हुए 2 घंटे 42 मिनट का लंबा भाषण दिया था। इस दौरान सीतारमण ने जुलाई 2019 में बनाए गए अपने ही 2 घंटे एवं 17 मिनट के लंबे भाषण के रिकॉर्ड को तोड़ा था।
बजट भाषण में सर्वाधिक शब्द
बतौर वित्त मंत्री पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के 1991 में दिए गए बजट भाषण में कुल 18,650 शब्द थे। उसके बाद दूसरा स्थान अरुण जेटली के नाम है, जिनके 2018 के बजट भाषण में 18,604 शब्द थे।
सबसे छोटा बजट भाषण
सबसे छोटा बजट भाषण का रिकॉर्ड तत्कालीन वित्त मंत्री हीरुभाई मुलजीभाई पटेल के नाम दर्ज है, जिन्होंने 1977 में सिर्फ 800 शब्दों वाला बजट भाषण दिया था।
सबसे ज्यादा बजट भाषण
सबसे ज्यादा बजट भाषण का रिकॉर्ड पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम पर दर्ज है, जिन्होंने वर्ष 1962-69 के बीच वित्त मंत्री रहते हुए सबसे ज्यादा 10 बार बजट पेश किया। इसके बाद पी. चिदंबरम ने 9 बार, प्रणव मुखर्जी ने 8 बार, यशवंत सिन्हा ने 8 बार और मनमोहन सिंह ने बतौर वित्त मंत्री 6 बार बजट पेश किया है।
बजट भाषण के समय में बदलाव
आमतौर पर वर्ष 1999 तक बजट फरवरी के अंतिम कार्यदिवस को शाम पांच बजे पेश किया जाता था। लेकिन, वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने वर्ष 1999 में इसे बदलकर सुबह 11 बजे पेश करना कर दिया था।
जेटली ने एक फरवरी को पेश किया बजट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 में बजट एक फरवरी को पेश करने की परंपरा को शुरू किया। उसके बाद से आम बजट एक फरवरी को ही सुबह 11 बजे पेश किया जाता है।
बजट की भाषा में किया गया बदलाव
वर्ष 1955 तक बजट सिर्फ अंग्रेजी में ही पेश किया जाता था, लेकिन कांग्रेस सरकार ने इसे अंग्रेजी और हिंदी दोनों में ही पेश करना शुरू कर दिया था। कोविड-19 महामारी आने के बाद वित्त वर्ष 2021-22 का बजट कागज-रहित पेश किया गया। मोदी सरकार ने इसे मोबाइल ऐप पर हिंदी और अंग्रेजी में जारी करना शुरू कर दिया है।
इंदिरा गांधी पहली महिला वित्त मंत्री
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1970 में वित्त मंत्री के तौर पर आम बजट पेश किया था। उसके बाद मौजूदा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वर्ष 2019 में पूर्णकालिक वित्त मंत्री के तौर बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं।
आम बजट के साथ रेल बजट का विलय
वर्ष 2017 तक रेलवे बजट एवं आम बजट अलग-अलग पेश किए जाते थे। वर्ष 2017 में रेल बजट को आम बजट में समाहित कर दिया गया। अब सिर्फ एक ही बजट पेश किया जाता है।
बजट की छपाई अब सीमित हो गयी
वर्ष 1950 तक बजट का मुद्रण राष्ट्रपति भवन में होता था, लेकिन इसके लीक होने के बाद इसकी छपाई नई दिल्ली के मिंटो रोड स्थित प्रेस में होने लगी। फिर वर्ष 1980 में वित्त मंत्रालय के भीतर ही सरकारी प्रेस में इसका मुद्रण होता रहा है, जिसे कोरोना काल में सीमित प्रति में छापी जाती है।