बिना परामर्श के राज्यपाल की नियुक्ति पर तृणमूल नाराज, भाजपा ने किया स्वागत

कोलकाता : सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने डॉ. सीवी आनंद बोस को राज्य का राज्यपाल नियुक्त करने में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से सलाह न करने पर नाराजगी जताई है। वहीं, भाजपा के राज्य शीर्ष नेताओं ने डॉ. बोस को राज्यपाल नियुक्त करने का स्वागत किया है।

शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के दिग्गज नेता और तीन बार पार्टी के सांसद रहे सौगत रॉय ने राज्यपाल की नियुक्ति पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि यह समझना मुश्किल है कि केंद्र ने राज्य सरकार से परामर्श किए बिना नए राज्य के राज्यपाल के नाम को किस आधार पर अंतिम रूप दिया। रॉय ने कहा कि जगदीप धनखड़ जैसे राजनेता या सीवी आनंद बोस जैसे सेवानिवृत्त नौकरशाह के मामले में राज्य सरकार से परामर्श के बिना चयन के पैरामीटर को वे समझ नहीं पा रहे हैं। उन्होंने यह नाम कभी नहीं सुना है। बोस एक भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।

हालांकि, राज्य सरकार के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि इस बार नए राज्यपाल की नियुक्ति के बारे में राज्य सरकार को सूचित नहीं किया गया। इसके पहले राज्य में जगदीप धनखड़ को जब जुलाई, 2019 में राज्यपाल के तौर पर नियुक्त किया गया था, तब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को केंद्रीय गृह मंत्रालय से जानकारी दी गई थी। उसके बाद ही धनखड़ के नाम की आधिकारिक घोषणा हुई थी। हालांकि राज्य कैबिनेट में शामिल एक सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि आनंद बोस के मामले में भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने व्यक्तिगत रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जानकारी दी थी, जिसके बाद ही आधिकारिक घोषणा हुई है।

इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और सांसद दिलीप घोष ने कहा कि प्रत्येक नियुक्ति के फैसले पर राज्य सरकार से परामर्श करना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस भी चाहती थी कि भारत का राष्ट्रपति उसकी पसंद से बने लेकिन यह भी संभव नहीं था।

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी सांसद सुकांत मजूमदार और पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी सहित राज्य के अन्य भाजपा नेताओं ने सीवी आनंद बोस को नए राज्यपाल के रूप में नियुक्त करने के फैसले का तहे दिल से स्वागत किया है।

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य और वाम विधायक दलों के पूर्व नेता सुजन चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि नए राज्यपाल संवैधानिक मानदंडों के अनुसार सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि राज्यपाल को भाजपा के कहने या तृणमूल कांग्रेस के कहने के आधार पर काम नहीं करना चाहिए। उन्हें राज्य की संस्कृति और विरासत के अनुसार काम करना चाहिए।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के दिग्गज सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि राज्यपालों की नियुक्ति को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा है, देखना होगा कि बोस कैसा बर्ताव करते हैं।

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