कोलकाता : त्रिपुरा के एक व्यवसायी के अपहरण के आरोप में पश्चिम बंगाल पुलिस की सीआईडी (क्रिमिनल इंवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट) ने तृणमूल कांग्रेस के पार्षद मिलन सरदार को गिरफ़्तार कर लिया है। शुक्रवार को सीआईडी की ओर से यह जानकारी देते हुए बताया है कि यह गिरफ्तारी गुरुवार देर रात हुई। शुक्रवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया है। मिलन सरदार उत्तर 24 परगना जिले के बारासात नगरपालिका के वार्ड नंबर 33 से पार्षद हैं।
उनकी गिरफ्तारी के बाद तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने सरदार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। सीआईडी ने इससे पहले उनके छह सहयोगियों को भी इस अपराध में गिरफ्तार किया था।
अपहृत व्यवसायी सितंबर के पहले सप्ताह में उत्तर 24 परगना के सोदपुर में अपने रिश्तेदार के घर आया था, जहां से उसे एक गैरेज से बंदूक की नोंक पर अगवा कर लिया गया। व्यवसायी को पहले बारासात के एक फार्महाउस में रखा गया और फिर उसी इलाके के एक आवासीय परिसर के फ्लैट में ले जाया गया। सीआईडी ने जांच की जिम्मेदारी संभालने के बाद उस फ्लैट पर छापा मारा और व्यवसायी को बचाया।
जल्द ही अपहरण में शामिल छह व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उन्होंने स्वीकार किया कि सरदार ही इस अपहरण की पूरी साजिश के पीछे थे और उन्होंने ही व्यवसायी को रखने के लिए दोनों ठिकानों की व्यवस्था की थी। लेकिन गिरफ्तारी के डर से सरदार फरार हो गए थे।
सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात को सीआईडी अधिकारियों को सूचना मिली कि सरदार बारासात में अपने घर आने वाले हैं। इसके बाद अधिकारियों ने अचानक छापा मारा और अंततः सरदार को गिरफ़्तार कर लिया।
इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए बारासात से चार बार की तृणमूल कांग्रेस सांसद और पार्टी की जिला अध्यक्ष डॉ. काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि पार्टी ने सरदार को निष्कासित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा, “हम ऐसी गतिविधियों को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
सरदार राजनीति में आने से पहले बारासात में एक स्थानीय आभूषण की दुकान में काम करते थे और 2015 में बारासात नगरपालिका के पार्षद बने। उनके खिलाफ पहले भी वित्तीय अनियमितताओं की कई शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं।