कोलकाता : राशन घोटाले की जांच के लिए शुक्रवार सुबह ईडी के अधिकारी केंद्रीय बलों के साथ सरबेरिया में स्थानीय तृणमूल नेता शेख शाहजहान के घर पहुंचे थे। लेकिन यहां ईडी अधिकारियों और केंद्रीय बलों के जवानों पर ही हमला हो गया। किसी तरह ईडी अधिकारियों और केंद्रीय बल के जवानों ने अपनी जान बचाई और इलाके से बाहर निकले। इस हमले में ईडी के दो अधिकारियों का सिर फूट गया। खबर संग्रह करने गए मीडिया कर्मियों पर भी हमला हुआ। ईडी, केंद्रीय बलों सहित मीडिया की कई गाड़ियों में जम के तोड़फोड़ हुई एक बड़ी ही अराजक स्थिति उत्पन्न हो गई।
केंद्रीय संस्था के अधिकारियों पर पहली बार हुए इस प्रकार के हमले की पूरे देश में निंदा हो रही है। इस हमले के बाद भारतीय जनता पार्टी ने तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने मामले के एनआईए जांच की मांग की है। तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है। जस्टिस अभिजीत गांगुली ने राज्य में राष्ट्रपति शासन तक लगाने की मांग कर दी है।
दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस ने इस घटना के लिए ईडी अधिकारियों और केंद्रीय बल के जवानों को ही जिम्मेवार ठहरा दिया है। तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने सोशल मीडिया साइट पर लाइव आकर कहा कि यह घटना ईडी अधिकारियों और केंद्रीय बल के जवानों के उकसावे के कारण हुई है। उन्होंने कहा, ”” यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और चिंता का विषय भी है। लेकिन इसके पीछे उकसावा है।” तृणमूल प्रवक्ता ने आगे कहा “लगातार, लगातार, व्यावहारिक रूप से हर दिन, केंद्रीय एजेंसियां और केंद्रीय बल भाजपा के इशारे पर तलाशी के नाम पर गांवों में जाकर लोगों को उकसा रहे हैं। जहां भाजपा हमारे संगठन से मुकाबला नहीं कर पा रही है, केंद्रीय एजेंसियां उन जगहों को चुन रही हैं. वहां लोगों को उकसाया जा रहा है।”
कुणाल घोष ने तृणमूल कार्यकर्ताओं को सलाह देते हुए कहा ”किसी भी परिस्थिति में किसी को भी उकसावे में कदम नहीं उठाना चाहिए। पार्टी नेतृत्व पूरे मामले पर गौर कर रहा है। वे सही समय पर जो भी कर सकते हैं, करेंगे।”