कोलकाता : आईएनडीआई गठबंधन में शामिल पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से दो आईएनडीआईए गठबंधन के लिए छोड़ने का मन बनाया है। तृणमूल कांग्रेस के एक नेता ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि मुंबई में हुई आईएनडीआईए की बैठक में ही पार्टी ने इस बारे में स्पष्ट बता दिया है। इन दो सीटों में से अगर एक सीट पर कांग्रेस और दूसरे पर माकपा चुनाव लड़े तब भी तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी को कोई आपत्ति नहीं है। इन दोनों सीटों पर जो भी पार्टी उम्मीदवार उतारेगी, उसका समर्थन तृणमूल करेगी।
ममता बनर्जी ने यह फार्मूला आईएनडीआईए गठबंधन को पहले ही बताया है कि जिस राज्य में जो क्षेत्रीय पार्टी मजबूत है उसे वहां सबसे अधिक लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने देना होगा। तृणमूल ने बैठक में दावा किया है कि बंगाल में 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी कम से कम 30 सीटों पर जीत दर्ज करेगी। हालांकि सबसे बड़ी असमंजस की स्थिति यह है कि लोकसभा चुनाव के समय बंगाल में तृणमूल, माकपा और कांग्रेस के साथ बैठकर गठबंधन की घोषणा करेगी?
बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट कर दिया है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की लड़ाई तृणमूल और भाजपा दोनों से होगी। माकपा के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने भी कहा है कि लोकसभा चुनाव में तृणमूल के खिलाफ मुकाबला होगा। ऐसे में तृणमूल का दो सीटों का फार्मूला कितना कारगर होता है यह देखने वाली बात होगी। पार्टी के एक नेता ने कहा, “हम लोगों ने पहले सोचा था कि सितंबर महीने में ही सीटों के बंटवारे पर स्थिति स्पष्ट कर ली जाए। अगर ऐसा हो जाता तो लोकसभा चुनाव का प्रचार प्रचार भी बड़े पैमाने पर तेज कर दिया जाता। लेकिन ऐसा हो नहीं पाया है। हमने अक्टूबर के अंत तक का समय दिया है। अगर तब भी सीट बंटवारे पर बंगाल को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं होती है तो हमें फिर इसके लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकेगा।