कोलकाता : ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री अखिल गिरी के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद तृणमूल की एक और विधायक व पूर्व मंत्री सावित्री मित्रा ने विवादित टिप्पणी की है। उन्होंने गुजराती समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देते हुए कहा है कि गुजरातियों का आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा है। मालदा जिले के मानिकचक से विधायक मित्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर बड़े पैमाने पर वायरल हुआ है। नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ विधायक शुभेंदु अधिकारी ने भी इस वीडियो को ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने लिखा है, ‘पूर्व मंत्री और मालदा जिले के मानिकचक की विधायक सावित्री मित्रा जहर उगल रही हैं और कहती हैं कि गुजरातियों ने भारत को ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में अधीन रखने के इरादे से अंग्रेजों को हथियार दिए और उनका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं था। बापू और सरदार बल्लभ भाई पटेल की प्रसिद्ध भूमि का भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं होने का तृणमूल विधायक का यह दावा शर्मनाक है। अपनी सर्वोच्च नेत्री के नक्शे कदम पर चलते हुए उन्होंने मालदा में एक राजनीतिक रैली में माननीय प्रधानमंत्री और गृहमंत्री की तुलना दुर्योधन और दुशासन से भी की है। हकीकत यह है कि गुजरातियों के लिए उनकी नफरत समझ से परे है। उन्होंने गुजरात के लोगों को देशद्रोही करार दिया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।’
सावित्री का जो वीडियो वायरल हुआ है उसमें सुना जा सकता है कि वह अपने भाषण में कह रही हैं कि स्वतंत्रता आंदोलन में गुजरातियों की कोई भूमिका नहीं है। गुजरातियों ने अंग्रेजों को हथियारों की आपूर्ति की।
सावित्री की सफाई
हालांकि सोमवार को सावित्री मित्रा ने इस पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैंने गुजरातियों का नहीं बल्कि यह कहा था कि नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी, विजय माल्या जैसे लोगों का स्वतंत्रता आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वे अंग्रेजों के पक्ष में थे। मैंने कुछ भी बुरा नहीं कहा। उन्होंने यह भी कहा कि महात्मा गांधी को अपमानित करने की मेरी शक्ति नहीं है। मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा कि गुजरातियों ने स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान नहीं दिया है।
हालांकि वीडियो में वह ऐसा कहती सुनी जा सकती हैं। मित्रा ने यह भी कहा कि शुभेंदु अधिकारी के आरोपों पर जवाब देने की जरूरत नहीं है।