कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को कालीघाट स्थित अपने आवास के पास पार्टी के सांसदों, विधायकों और पदाधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक की। इसमें हाल ही में संपन्न हुए सागरदिघी उपचुनाव में पार्टी की हार और आसन्न पंचायत चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई। बैठक में किस कदर पार्टी ने अपनी भविष्य की रणनीति बनाई है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बैठक के बाद मीडिया से मुखातिब तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस खुद को विपक्ष का बॉस ना समझे।
उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि उनकी पार्टी वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव अपने दम पर अकेले लड़ेगी। उन्होंने क्षेत्रीय दलों के समर्थन के भी संकेत दिए हैं। सुदीप ने कहा कि पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि सभी क्षेत्रीय पार्टियां जिस राज्य में मजबूत हैं वहां मजबूती से चुनाव लड़ें। उसके बाद लोकसभा चुनाव के बाद यह फैसला होगा कि कौन विपक्ष का मुख्य चेहरा होगा। उन्होंने भाजपा के खिलाफ लामबंदी का भी आह्वान करते हुए कहा कि पहले एनडीए में शामिल पार्टियों की संख्या अधिक थी लेकिन अब केवल 15 रह गई हैं। क्षेत्रीय दलों को एकजुट किया जाएगा।
पार्टी की नेता और मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य भी सुदीप बनर्जी के साथ पत्रकार वार्ता में बैठी थीं। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी लोकसभा का चुनाव अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी शुरुआत से अकेले लड़ रही हैं और वाम मोर्चा सरकार को उखाड़ फेंकने में सफल रहीं, अब बीजेपी की बारी है।
मेघालय चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार चुनाव लड़ने के बावजूद पांच सीटों पर पार्टी के विधायक जीते हैं जबकि 12 सीटों पर दूसरे स्थान पर रहे हैं। यह खराब नहीं बल्कि बहुत अच्छा प्रदर्शन है। सुदीप बनर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी समय-समय पर दिल्ली जाती रहेंगी और विपक्षी पार्टियों के नेताओं से बैठक करेंगी। तृणमूल का एकमात्र मकसद भाजपा को सत्ता से हटाना है।