कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से इस्तेमाल हो रहे ‘मोदी की गारंटी’ वाक्य को लेकर निशाना साधा। भाजपा पर हमला बोलते हुए टीएमसी ने मंगलवार को सवाल उठाया कि क्या ‘मोदी की गारंटी’ वाले नारे का मतलब भाजपा का संवैधानिक संस्थानों पर कब्जा जमाना है। देश की राजधानी दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में तृणमूल की सागरिका घोष और बाबुल सुप्रियो ने अधिकारियों को हटाने के निर्वाचन आयोग के आदेश पर भी सवाल उठाये। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी दलों को समान अवसर मिले।
बाबुल सुप्रियो ने कहा, ‘‘जिस तरह से चुनाव हो रहे हैं, पुलिस महानिदेशक का तबादला किया गया, ये क्या दर्शाता है ? देखा गया है कि जब मतदान लंबे समय तक चलता है तो लोगों की दिलचस्पी कम हो जाती है और बाद के चरणों में कम मतदान होता है। अगर आप चुनाव कार्यक्रम पर गौर करेंगे तो पाएंगे यह कार्यक्रम भी इसी आधार पर तय किया गया है।’’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग को सभी दलों को समान अवसर देना चाहिए।
सागरिका घोष ने कहा, ‘‘मोदी की गारंटी पूरी तरह खोखली है और इसमें कुछ भी वास्तविक नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मोदी प्रधानमंत्री नहीं, चुनाव मंत्री हैं। वह चुनाव के समय वादे तो करते हैं,लेकिन उन्हें पूरा कभी नहीं करते। मोदी की गारंटी क्या है ? बंगाल में जिस तरह से अधिकारी बदले जा रहे हैं, संस्थाओं पर कब्जा जमाया जा रहा है, क्या यह मोदी की गारंटी है ? ’’
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक रहे राजीव कुमार को हटा दिया है जो तृणमूल कांग्रेस को रास नहीं आ रहा।