अगरतला : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने त्रिपुरा में आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर त्रिपुरा के अगरतला में पांच किलोमीटर लंबी पदयात्रा की। इसके समापन के मौके पर उन्होंने एक जनसभा की। उन्होंने कहा कि राज्य के विकास की जिम्मेदारी उनकी और उनकी पार्टी की है। ममता के साथ उनके भतीजे व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी साथ थे। इसमें स्थानीय तृणमूल नेतृत्व सहित सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इसके बाद जनसभा में संबोधन करते हुए उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अभिषेक को उन्होंने त्रिपुरा फतह की जिम्मेदारी दी है।
भारतीय जनता पार्टी ने उन पर त्रिपुरा में ठीक उसी तरह बाहरी होने का आरोप लगाया है जैसे वर्ष 2021 के विधानसभा चुनाव के समय वह बंगाल में आने वाले भाजपा नेताओं को कहती थीं। इसका जवाब देते हुए ममता ने कहा कि त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल सिस्टर स्टेट हैं, बंगाल जैसे मेरा घर है उसी तरह से त्रिपुरा भी एक दूसरा घर है। दोनों राज्यों की सभ्यता, संस्कृति, भाषा, खानपान एक है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से बंगाल का विकास हो रहा है उसी तरह से त्रिपुरा के विकास की जिम्मेदारी भी उन्हीं की है। ममता ने कहा कि त्रिपुरा के लोग अगर मौका देंगे तो बंगाल की तरह यहां भी सरकार की हर महत्वपूर्ण योजना को लागू किया जाएगा।
उन्होंने एक दिन पहले ही त्रिपुरा में कदम रखा था जहां अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी को साथ लेकर त्रिपुरेश्वरी मंदिर में पूजा की थी। मंगलवार को जनसभा के बाद संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह लगातार त्रिपुरा आती रहेंगी। इसके पहले भी त्रिपुरा में ममता बनर्जी के आने के बाद उनके जाते ही कई तृणमूल नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ले ली थी। इसे लेकर उन्होंने ठोस संदेश देते हुए कहा कि जब ऐसे नेताओं का कोई नहीं था तब मैंने उन्हें सहारा दिया था। आज चुनाव के समय वे दलबदलू राजा होकर घूम रहे हैं। इसे लोग स्वीकार नहीं करेंगे। राजनीति स्वच्छता और सत्यता का नाम है।
उल्लेखनीय है कि त्रिपुरा में 16 फरवरी को मतदान होना है जबकि 2 मार्च को परिणाम घोषित किए जाएंगे। तृणमूल कांग्रेस वहां मुख्य विपक्षी पार्टी है और भाजपा की सरकार के खिलाफ माकपा और कांग्रेस भी एकजुट होकर लड़ रही हैं। ऐसे में वहां त्रिकोणीय मुकाबले में तृणमूल कांग्रेस दबदबा बनाने के लिए हर संभव कोशिश में जुटी हुई है।