ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी देता था नाैसेना भवन में तैनात यूडीसी, गिरफ्तार

सूचना के बदले दिल्ली में तैनात अपर डिवीजन क्लर्क विशाल यादव ले चुका था दो लाख – प्रिया शर्मा बनकर बात करती थी पाकिस्तानी हैंडलर, फेसबुक पर हुई थी दाेस्ती

जयपुर : पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आराेप में बुधवार काे भारत की सीआईडी इंटेलिजेंस ने नौसेना भवन दिल्ली में तैनात अपर डिवीजन क्लर्क (यूडीसी) विशाल यादव काे गिरफ्तार किया है। पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। आरोपित विशाल यादव को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे चार दिन के रिमांड पर सौंप दिया गया। ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी देने के बदले आरोपित पाकिस्तानी हैंडलर से दो लाख रुपये चुका था। आरोपित विशाल पैसों के लालच में पाकिस्तानी हैंडलर को सूचनाएं दे रहा था। उसने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी जानकारी के बदले उसे आखिर में 50 हजार रुपये मिले थे।

सीआईडी इंटेलिजेंस के सूत्रों ने बताया कि विशाल यादव की फेसबुक के जरिए पाकिस्तानी हैंडलर से दोस्ती हुई थी। आरोपित विशाल यादव को पाक हैंडलर ने प्रिया शर्मा बनकर दोस्ती की रिक्वेस्ट भेजी थी। दोनों में बातचीत होने लगी और वॉट्सऐप नंबर भी शेयर कर लिए थे। फिर टेलीग्राम का इस्तेमाल शुरू कर दिया। महीनों तक पाकिस्तानी हैंडलर प्रिया शर्मा बनकर विशाल यादव से बात करती रही। फिर खुद का असली नाम विशाल को बता दिया था। विशाल को पैसे का लालच दिया। इसमें वह फंसता चला गया।

राजस्थान के आईजी सीआईडी (सुरक्षा) विष्णु कांत गुप्ता ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियां सेना से जुड़ी जानकारी लेने के लिए कुछ भी कर सकती हैं। ऐसे में हमारी टीम उनकी हर हरकत पर नजर रखती है। इसी दौरान जानकारी सामने आया कि विशाल यादव (निवासी पुनसिका, रेवाड़ी, हरियाणा) दिल्ली स्थित नौसेना भवन दिल्ली में डायरेक्टेरेट ऑफ डॉकयार्ड में यूडीसी के पद पर कार्यरत था। वह सोशल मीडिया के जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की महिला हैंडलर से लगातार कॉन्टैक्ट में था।

पूछताछ में विशाल यादव ने बताया कि इन्फॉर्मेशन देने के लिए प्रिया से पहले 5 से 6 हजार रुपये मिलते थे। इसके बाद ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ। प्रिया ने कहा कि तुम्हारी दी गई खबर सी ग्रेड की है, अगर अच्छी खबर दो तो मैं ज्यादा पैसा दूंगी। इस पर विशाल ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी नेवी और अन्य रक्षा संबंधी सूचनाएं महिला पाक हैंडलर को दी थी। इसके बदले उसे एक बार 50 हजार रुपये मिले। विशाल ने डेढ़ से 2 लाख रुपये खुद के खाते में मंगाए। कुछ पैसा क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग अकाउंट में यूएसडीटी के रूप में भी लिया था।

आरोपित विशाल पैसों के लालच में आकर नौसेना भवन की सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं महिला पाक हैंडलर को दे रहा था। इसके बाद सभी टीमें एक्टिव की गई थी। लगातार विशाल और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर नजर रखी गई थी। पुष्टि होने पर विशाल यादव को बुधवार जयपुर लाया गया था। यहां करीब सभी एजेंसियों ने विशाल से पूछताछ की और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया। अभी तक की जांच में सामने आया है कि आरोपित ऑनलाइन गेम खेलने का आदी था।

आरोपित के मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई गई, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए थे। इसमें पैसों का लेन-देन, सामरिक सूचना, मोबाइल चैट मिली। आरोपित ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी नेवी और अन्य रक्षा संबंधी सूचनाएं महिला पाक हैंडलर को दी थीं।

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