कोलकाता : पश्चिम बंगाल के स्कूलों में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम पोषण योजना में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई जांच की अनुशंसा केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने की है। अब शनिवार को केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने बताया है कि आखिर उन्हें सीबीआई जांच की अनुशंसा क्यों करनी पड़ी।
उन्होंने पश्चिम बंगाल में सरकारी स्कूलों में मिड डे मील स्कीम के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की सिफारिश की है। उनकी यह घोषणा पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के योजना कार्यान्वयन में बड़े पैमाने पर हुई कथित गड़बड़ी का आरोप लगाने के ठीक एक दिन बाद आई है।
सुभाष सरकार ने दावा किया है कि केंद्रीय अनुसंधान टीमों द्वारा जांच के बाद कार्यक्रम के कार्यान्वयन में कई अनियमितताओं की पहचान की गई है। इसलिए हमारे पास मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश करने के अलावा कोई और चारा नहीं है। हालांकि, राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने इस मामले में सभी आरोपों का खंडन किया और केंद्रीय जांच टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपने के तरीके पर भी सवाल उठाया। उनके अनुसार, केंद्रीय अनुसंधान टीम ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट अविश्वसनीय रूप से जल्दबाजी में प्रस्तुत की और वह भी टीम में राज्य सरकार के प्रतिनिधि के हस्ताक्षर के बिना।
बसु ने शुभेंदु अधिकारी के इस आरोप को भी चुनौती दी कि योजना में 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा वास्तव में, राज्य सरकार ने इस योजना में 18.80 करोड़ रुपये बचाए। वैसे भी, हम मामले में किसी भी तरह की जांच का स्वागत करते हैं। अप्रैल में केंद्रीय जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें 100 करोड़ रुपये के नुकसान का दावा किया गया था।
रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि राज्य में मध्याह्न भोजन योजना के तहत निर्धारित मात्रा से बहुत कम भोजन उपलब्ध कराया गया था।