कोलकाता : विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान मंगलवार को भी लगातार दूसरे दिन डेंगू को लेकर जबरदस्त हंगामा हुआ। भाजपा ने इस पर चर्चा का प्रस्ताव दिया था, जिसे अध्यक्ष विमान बनर्जी ने स्वीकार नहीं किया। इस पर भाजपा सदस्यों ने नारेबाजी की और बाद में सदन से वाकआउट किया।
मंगलवार को सिलीगुड़ी के भाजपा के विधायक शंकर घोष ने राज्य में, खासकर उत्तर बंगाल में डेंगू की स्थिति पर विधानसभा सत्र में एक चर्चा का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि अगर प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जाता है तो भाजपा विधानसभा में चर्चा में हिस्सा लेगी, लेकिन अध्यक्ष इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद भाजपा के विधायक विरोध में नारे लगाते हुए विधानसभा सदन से वाकआउट कर गए।
विपक्ष के नेता और नंदीग्राम विधायक शुभेंदु अधिकारी विधानसभा से बाहर आए और मीडिया से मुखातिब हुए। उन्होंने कहा, ‘हमें प्रस्ताव पढ़ने की अनुमति मिली लेकिन चर्चा की इजाजत नहीं दी गई है। मैंने नेता प्रतिपक्ष के रूप में अध्यक्ष से अनुरोध किया। विधानसभा में न तो स्वास्थ्य मंत्री आती हैं और न ही स्वास्थ्य विभाग का कोई और। हमारा अनुरोध था कि कम से कम सरकार की ओर से कोई भी मंत्री इस बात पर बयान दे कि डेंगू की स्थिति से निपटने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं।’
शुभेंदु ने कहा कि सरकार कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री क्यों नहीं आतीं? कल उन्होंने समीक्षा बैठक बुलाई थी। आज अध्यक्ष ने हमें बताया कि विधानसभा में लंबित प्रस्ताव पढ़ना ही काफी है। इसलिए हम विरोध जता रहे हैं। हम अपनी बात मीडिया के जरिए सभी तक पहुंचाना चाहते हैं।
शुभेंदु ने कहा कि कोलकाता, उत्तर 24 परगना, मुर्शिदाबाद और सिलीगुड़ी में डेंगू की स्थिति सबसे ज्यादा चिंताजनक है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस संबंध में सरकार निष्क्रिय है। शुभेंदु ने डेंगू के रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका की भी आलोचना की।