कोलकाता : सागर दत्ता मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में शुक्रवार रात से ही तनाव का माहौल बना हुआ है। एक मरीज की मौत के बाद, अस्पताल में जूनियर डॉक्टरों पर हमला करने का आरोप लगा है, जिसके चलते पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। इस गिरफ्तारी के विरोध में मृतक के परिवार और उनके पड़ोसियों ने अस्पताल परिसर में शनिवार शाम तक जोरदार प्रदर्शन किया है।
मृतक के परिजनों का कहना है कि जब तक गिरफ्तार किए गए लोगों को रिहा नहीं किया जाता, वे शव को स्वीकार नहीं करेंगे। इस बीच, परिवार के सदस्य और पड़ोसी सड़क पर बैठकर रोते-बिलखते नजर आए। पूरे अस्पताल परिसर में इस घटना से माहौल तनावपूर्ण हो गया है।
घटना की शुरुआत शुक्रवार रात हुई जब रंजना साव नामक महिला को श्वसन संबंधी समस्या के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया। आरोप है कि अस्पताल में भर्ती होने के बाद भी उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। बाद में, ऑक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया गया, लेकिन इससे भी कोई फायदा नहीं हुआ और अंततः रंजना साव की मौत हो गई।
रंजना की मौत की खबर फैलते ही उनके परिजन गुस्से में आ गए और अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों पर हमला कर दिया। आरोप है कि परिजनों ने अस्पताल की चौथी मंजिल पर जाकर महिला डॉक्टरों को उनके कमरों से खींचकर मारा-पीटा और महिला वार्ड में तोड़फोड़ भी की। घटना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की, लेकिन उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस हिंसा में सात लोग घायल हुए, जिनमें जूनियर डॉक्टर, नर्स और एक पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।
हमले के बाद, अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार रात से ही हड़ताल शुरू कर दी है। अस्पताल परिसर में धरना भी जारी है और बाह्यरोगी विभाग (ओपीडी) व आपातकालीन सेवाएं फिलहाल बंद हैं। शनिवार सुबह से नर्स और महिला स्वास्थ्यकर्मी भी इस आंदोलन में शामिल हो गईं। उनका कहना है कि जब तक उचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती, वे अपनी सेवाएं बहाल नहीं करेंगे। आंदोलनरत नर्सों ने सवाल उठाया कि इतनी बड़ी संख्या में मरीजों के परिजन बिना किसी रोक-टोक के अस्पताल की ऊपरी मंजिल तक कैसे पहुंच गए।
मृतक के परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, जबकि अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी सुरक्षा की उचित व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।