सिलीगुड़ी : एक ओर दक्षिण बंगाल में धर्मतला में तृणमूल कांग्रेस की ओर से शहीद दिवस की सभा, तो दूसरी ओर उत्तर बंगाल में भारतीय जनता पार्टी का ‘उत्तरकन्या अभियान’ को लेकर राज्य की सियासत सोमवार को पूरी तरह गरमा गई है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में यह अभियान सिलिगुड़ी से शुरू हुआ, जिसमें पार्टी के सांसद और विधायक भी शामिल हुए।
शुभेंदु अधिकारी ने रैली से पहले कहा कि भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति हमेशा शांतिपूर्ण आंदोलनों की रही है और उत्तरकन्या अभियान भी उसी परंपरा का हिस्सा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल पुलिस ने उनकी सभा की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन कलकत्ता हाईकोर्ट से इजाज़त मिलने के बाद यह रैली संभव हो पाई। उन्होंने कहा, “बंगाल की पुलिस जनता की नहीं, तृणमूल की कठपुतली बन चुकी है।”
इस रैली को लेकर प्रशासन पहले असहमत था, लेकिन बीजेपी द्वारा कोर्ट का रुख किए जाने के बाद हाईकोर्ट ने शर्तों के साथ रैली की इजाजत दी। कोर्ट के निर्देशानुसार यह मार्च तीनबत्ती मोड़ से शुरू होकर लगभग ढाई किलोमीटर दूर चूनाभाटी मोड़ तक पहुंचना है, जिसके बाद एक जनसभा का आयोजन फुटबॉल मैदान में किया गया है। इस अभियान में अधिकतम दस हज़ार लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई थी। उसी के मुताबिक बड़ी संख्या में भाजपा युवा मोर्चा और अन्य संबंधित संगठनों के कार्यकर्ता पहुंचे हैं।
बीजेपी ने इस अभियान के लिए विशेष ‘थीम सॉन्ग’ भी तैयार किया है, जिसे शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने जारी किया था। रैली में युवाओं की बड़ी भागीदारी देखी गई, क्योंकि यह अभियान पार्टी की युवा मोर्चा की ओर से आयोजित किया गया है।
तृणमूल कांग्रेस ने बीजेपी के इस अभियान पर तीखा तंज कसा। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बिना नाम लिए रविवार को कहा था, “हम जब कोई कार्यक्रम करते हैं तो ये लोग समानांतर कार्यक्रम करने लगते हैं, लेकिन जब इनका कोई अकेला कार्यक्रम होता है, हम कोई समानांतर आयोजन नहीं करते।”
शुभेंदु अधिकारी पहले ही कह चुके हैं कि “21 जुलाई को तृणमूल अंडा-भात खाएगी, हम उत्तरकन्या जाएंगे।” उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया था कि वे अपने खर्च पर आएं और मजबूती से लड़ें।