आरजी कर मामले में दोषी को मौत की सजा नहीं मिलने से पीड़ित परिवार नाखुश 

कोलकाता : आरजी कर मामले में दोषी संजय रॉय को अदालत ने आजावीन कारावास की सजा सुनाई है। इस फैसले से पीड़िता के माता-पिता नाखुश हैं। वह दोषी को मौत की सजा चाहते हैं। साथ ही उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए सवाल उठाए।

पीड़िता की मां ने कहा कि मेरी बेटी को अस्पताल में ड्यूटी के दौरान दुष्कर्म कर मार डाला गया। क्या यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर घटना नहीं है? सीबीआई इसे साबित करने में विफल रही। यही कारण है कि दोषी को फांसी की सजा नहीं मिली। पीड़िता के पिता ने अदालत के फैसले को न्याय की ओर पहला कदम बताया। उन्होंने कहा कि हमें अभी पूरा न्याय नहीं मिल पाया। यह सीबीआई की असफलता है कि वह मामले को सही तरीके से प्रस्तुत नहीं कर पाए।

आरजी कर केस में कोर्ट ने दोषी संजय रॉय पर 50 हजार का जुर्माना लगाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 17 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है। हालांकि, पीड़िता के पिता ने मुआवजा लेने से इनकार करते हुए कहा कि हम अपनी बेटी को इस तरह बेच नहीं सकते। असली अपराधियों को सजा मिलने से ही हमारी बेटी की आत्मा को शांति मिलेगी।

पहले भी उठाए थे सीबीआई पर सवालपीड़िता के माता-पिता ने पहले भी सीबीआई की जांच पर सवाल उठाए थे। उनका मानना है कि संजय अकेले यह अपराध नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्रधानाचार्य संदीप घोष और टाला थाना के पूर्व ओसी अभिजीत मंडल को गिरफ्तार करने के बावजूद सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल नहीं की। परिवार ने अदालत से अपील की है कि मामले की और गहराई से जांच होनी चाहिए।

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