कोलकाता : पूर्व मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में तृणमूल नेता के घर हुए बम ब्लास्ट की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंप दी गई है। इस बीच सोमवार को घटनास्थल पर बम स्क्वॉड की मौजूदगी में उस वक्त एक बार फिर तनाव पसर गया जब तीन संदिग्ध लोगों को तृणमूल कार्यकर्ताओं ने घेर लिया। तृणमूल समर्थकों ने दावा किया है कि वे तीनों लोग भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं। सोमवार को अपराह्न ये तीनों लोग घटनास्थल पर पहुंचे थे जिन्हें तृणमूल कार्यकर्ताओं ने खदेड़ कर धर दबोचा। इन्हें मारने पीटने पर तृणमूल के कार्यकर्ता तुले हुए थे लेकिन मौके पर पुलिस आ गई और तीनों को बचाया।
कार्यकर्ताओं का कहना है कि ये तीनों लोग संदिग्ध हैं और इन्होंने ही बम रख कर भूपतिनगर के उस घर में ब्लास्ट किया जिसमें तृणमूल के नेताओं की मौत हुई है। उनका दावा है कि ये तीनों लंबे समय से घर से फरार थे और अब पुलिस की मौजूदगी में यहां कितना नुकसान हुआ देखने आए थे। मृतक के परिजनों ने भी कहा है कि हमें भी संदेह था लेकिन हम लोग डर से मुंह नहीं खोल रहे थे। हमारे लोगों को इन लोगों ने ही बम से उड़ाया है। कई लोगों ने दावा किया है कि घटना वाले दिन भी ये लोग गांव में आए थे। इन लोगों में से दो लोगों की पहचान जयदेव दोलूई और नंटू प्रधान के तौर पर हुई है। पुलिस जब इन लोगों को बचाकर अपने साथ ले जा रही थी तो तृणमूल कार्यकर्ता पुलिस की गाड़ी के सामने भी बैठ गए और इन तीनों लोगों को अपने हवाले करने की मांग करने लगे।
इस संबंध में भाजपा के विधायक रवींद्रनाथ माइती ने कहा कि मैं शुरुआत से ही कहता रहा हूं कि तृणमूल कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है बल्कि एक उग्रवादी दल है। इसके नीचे से लेकर ऊपर तक ऐसे लोग हैं जो हिंसा को पनाह देते हैं। पंचायत चुनाव जीतने के लिए ऐसा कर रहे हैं। जांच को तृणमूल नेताओं की ओर से मोड़कर भाजपा की ओर करने के लिए पुलिस के साथ मिलकर यह साजिश रची गई है। उन्होंने कहा कि आज बम स्क्वाड मौके पर था और उसी को देखने के लिए तीनों भाजपा के कार्यकर्ता गए थे तो इसे दूसरा रूप देने की कोशिश हो रही है लेकिन एनआईए जांच कर रही है, सच उजागर होगा।