■ मुख्यमंत्री ने राज्य में 27 जिलों की संख्या बढ़ाकर 46 जिले बनाने का दिया संकेत
कोलकाता : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने डब्ल्यूबीसीएस यानी बंगाल कैडर के सिविल सेवा अधिकारियों को आईएएस अधिकारियों के बराबर भत्ता देने की घोषणा की है। उन्होंने डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को बंगाल का अपना अधिकारी बताते हुए उनकी सुविधाएं बढ़ाने का आश्वासन भी दिया। उन्होंने राज्य में जिलों की संख्या 27 से बढ़ाकर 46 करने का भी संकेत दिया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को टाउन हॉल के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन करने के बाद अफ़सरों को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि अब से राज्य के आईएएस और डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को समान भत्ता मिलेगा। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा कि डब्ल्यूबीसीएस अधिकारी अब आईएएस अधिकारियों से अलग नहीं होंगे। डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों के लिए न्यूनतम विशेष भत्ता पहले 1200 रुपये था। अब इसे बढ़ाकर 3000 रुपये किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने उच्च वेतनमान पर पहुंचने वाले अधिकारियों के लिए विशेष घोषणा करते हुए उन्हें 10 हजार रुपये का विशेष भत्ता देने का ऐलान किया।
बनर्जी ने कहा कि राज्य के 27 जिलों का विभाजन कर इनकी संख्या कम से कम 46 करने पर विचार किया जा रहा है। इसके पीछे तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे बंगाल के अपने डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को अधिक से अधिक नियुक्ति मिल सकेगी। उन्होंने बिहार का उदाहरण देते हुए कहा, “बिहार में बहुत सारे जिले हैं। हमें भी जिलों को इस तरह विभाजित करके काम करना है। अब 27 जिले हैं। भविष्य में 46 जिले हो सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों का करियर बर्बाद न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे जिला बढ़ेगा, इंफ्रास्ट्रक्चर भी बढ़ेगा। इससे प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी और लोगों को फायदा होगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने इस दिन नौकरशाहों के लिए सुविधाओं को बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि कोरोना में कई लोगों ने अच्छा काम किया है। इसके अलावा कई डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों की मौत हो चुकी है। उन्होंने उनके परिवारों की हरसंभव मदद करने का वादा किया।
उन्होंने इशारे में आईएएस अधिकारियों को अनिवार्य रूप से बांग्ला सीखने का निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी इस बात का ध्यान रखें कि उन्हें उस क्षेत्र की भाषा का ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों की शिकायतों को सुनने के अलावा उनकी समस्याओं से कैसे निपटा जाए, इस पर भी मार्गदर्शन दिया।
ममता ने कहा, “नौकरशाह सरकार का असली चेहरा हैं। पूर्वी मिदनापुर, पुरुलिया, बीरभूम के डीएम अच्छा कार्य कर रहे हैं। भविष्य में जिले का विकास हुआ तो अतिरिक्त अधिकारियों की जरूरत पड़ेगी। जिस तरह से सभी ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ी है उसके लिए हम आभारी हैं। हमने कोरोना में चार डब्ल्यूबीसीएस अधिकारियों को खो दिया।
केंद्र सरकार पर ममता ने बोला हमला
इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि एक सौ दिन के रोजगार से लेकर कन्याश्री जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए ही केंद्र फंडिंग नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र का काम किसी भी तरह से पश्चिम बंगाल को बदनाम करना रह गया है इसे कतई स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य अपनी हर एक समस्या का समाधान करने में सक्षम है।