हमें घसीटा भी गया और पीटा भी गया लेकिन हमने कभी नहीं कहा “डोंट टच माय बॉडी” : मदन मित्रा

कोलकाता : 14 सितंबर से शुरू हुए विधानसभा के संक्षिप्त सत्र के दूसरे दिन में सत्ता पक्ष और विपक्ष ने जमकर एक-दूसरे के खिलाफ प्रदर्शन किया। गुरुवार को दोनों ही सत्ता पक्ष और विपक्ष सत्र हॉल से बाहर निकल गए और विरोध करना शुरू कर दिया। प्रारंभ में, भाजपा ने वाकआउट किया क्योंकि लंबित प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया था। उन्होंने नारेबाजी कर विरोध किया। फिर, सत्ताधारी दल भी सामने आया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, निर्मला सीतारमण और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी का मजाक उड़ाते हुए पोस्टर प्रदर्शित करने लगे। यहां तक कि तृणमूल विधायकों ने शुभेंदु अधिकारी के ”डोंट टच” वाले कमेंट पर तंज कसना शुरू कर दिया।

कमरहाटी से तृणमूल विधायक मदन मित्रा ने गुरुवार को विधानसभा के बाहर पत्रकारों का सामना करते हुए शुभेंदु अधिकारी की ”डोंट टच” टिप्पणी का मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि तो क्या उन्हें खुद पर भरोसा नहीं है कि वह पुरुष है या महिला? विधानसभा में एक नेता प्रतिपक्ष कहते हैं कि मेरे शरीर को मत छुओ। तो क्या उनके शरीर को छुआ नहीं जा सकता? उसके कहने का आशय क्या है? क्या वह महिलाओं की तरह शरीर को अलग करने की कोशिश कर रहे है?

बाद में तृणमूल विधायक ने बहिर्गमन के बारे में कहा कि जब हम विपक्ष में थे तो हमने कभी भी नहीं कहा डोंट टच माय बॉडी। कहना तो दूर हमने कभी ऐसा सोचा भी नहीं। हमें तो आंदोलन के दौरान घसीटा भी गया और पीटा भी गया। स्वपन चक्रवर्ती को जब गोली लगी थी तो वह करीब पंद्रह मीटर दूर जाकर गिरे थे। मैं राजनीति भी करूंगा और कहूंगा कि मुझे मत छुओ, मुझे मत छुओ…! ऐसा नहीं होता।

उल्लेखनीय है कि भाजपा के नवान्न अभियान के दिन पुलिस ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को हिरासत में लिया था। शुभेंदु उस समय मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने राज्य को उत्तर कोरिया बना दिया है। यह कहते हुए शुभेंदु ने एक महिला पुलिस अधिकारी की ओर इशारा करते हुए कहा कि मेरे शरीर को मत छुओ। मैं पुरुष हूं। आप एक महिला पुलिस हैं। मेरे शरीर को मत छुओ।

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