कोलकाता : पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने गुरुवार को दावा किया कि उसने कलकत्ता उच्च न्यायालय को 2016 की स्कूल भर्ती समिति की ओर से नियुक्त ऐसे 5300 लोगों की सूची प्रदान की थी जिनकी नियुक्तियां संदिग्ध थीं। एसएससी ने साथ ही कहा कि शेष 19 हजार शिक्षक वैध तरीके से नियुक्त हो सकते हैं।’’ आयोग ने कहा कि उसका यह भी मानना है कि 19 हजार ऐसे शिक्षक जिनकी नियुक्तियां उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में रद्द हो गई हैं, हो सकता है कि उनकी योग्यता मानदंड नियुक्ति अधिकारियों द्वारा तैयार किए गए मानदंडों से मेल खाती हों।
राज्य एसएससी के अध्यक्ष सिद्धार्थ मजूमदार ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हमने न्यायालय के समक्ष उन अभ्यर्थियों की सूची पेश की जहां भर्ती में विसंगतियां पाई गईं। ये सूचियां भर्ती में दो खास अनियमितताओं पर आधारित थीं -एक ‘ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन’ (ओएमआर) शीट में हेरफेर और दूसरी रैंक में गड़बड़ी। ग्रुप सी और डी के लिए ऐसे उम्मीदवारों और कक्षा 9-10 तथा 11-12 के शिक्षकों की कुल संख्या लगभग 5,300 थी।’’
उन्होंने कहा,‘‘पिछले साल दिसंबर से अदालत के समक्ष कम से कम तीन हलफनामे दाखिल किए गए जहां हमने संदिग्ध भर्तियों के नाम और रोल नंबर प्रदान किए थे। सूचियां सीबीआई के साथ भी साझा की गईं थीं।’’ मजूमदार ने कहा कि एसएससी ने अब तक पाया है कि 2016-एसएलएसटी परीक्षा के 19 हजार से अधिक उम्मीदवार पात्र थे और नियुक्ति में कोई अनियमितता नहीं हुई थी। उन्होंने कहा,‘‘ हमने कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की है।’’