बैरकपुर : शिल्पांचल में बंद जूट मिलों की तालिका में गुरुवार को रिलायंस जूट मिल का नाम भी शामिल हो गया। इस दिन सुबह जब श्रमिक काम के लिए पहुँचे तो मिल के दरवाजे पर कार्य स्थगन का नोटिस लगा हुआ देखा। बिना किसी पूर्व सूचना के मिल प्रबंधन द्वारा लिए गए इस फैसले से श्रमिक नाराज हो गए और तत्काल मिल खोलने की मांग करते हुए उन्होंने कांकीनाड़ा स्टेशन पर तिरंगा लगाकर रेल अवरोध कर दिया। सुबह साढ़े 7 बजे से सुबह साढ़े 8 बजे तक हुए इस अवरोध से सियालदह मेन शाखा में ट्रेनों की सेवा प्रभावित हुई। भाटपाड़ा थाने की पुलिस व जीआरपी ने श्रमिकों को समझा बुझा कर अवरोध को खत्म करवाने का प्रयास किया लेकिन उनकी यह कोशिश सफल नहीं हुई। इसके बाद भाटपाड़ा थाने की पुलिस व जीआरपी को हल्का लाठी चार्ज का प्रयोग कर अवरोध को हटवाना पड़ा, जिसके बाद सियालदह मेन शाखा में ट्रेनों की सेवा सामान्य हुई।
बेरोजगार हुए 4 हजार श्रमिक
मिल के बंद होने से स्थाई और अस्थाई मिलाकर करीब 4 हजार श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। प्रबंधन ने मिल बंद करने केलिए दिए गए नोटिस में लिखा है कि मिल बेहद कठिन परिस्थितियों में चलाया जा रहा था। कच्चे पाट का दाम काफी बढ़ गया है और बाजार में पाट की समस्या भी है। इसकी वजह से प्रबंधन आर्थिक रूप से काफी नुकसान झेल रहा है। साल 2021 के अक्टूबर महीने से समस्या के समाधान की कोशिश की जा रही है लेकिन परिस्थिति में कोई सुधार नहीं हुई। इसके बाद मजबूरन प्रबंधन को कार्य स्थगन का नोटिस लगाना पड़ रहा है।
श्रमिकों ने कहा –
मिल के श्रमिक सुरेन्द्र मिश्र व संजय कुमार साव ने कहा कि साल 2019 के बाद से ही पाट की कमी का हवाला देते हुए राज्य में कई मिल बंद हो गए हैं। यहां भी कच्चे पाट के अभाव को कारण बताते हुए अचानक मिल को बंद कर दिया गया है। इसे लेकर श्रमिकों से किसी तरह की बातचीत नहीं की गई और चुपचाप बंद का फैसला लिया गया। श्रमिकों का यह भी आरोप है कि श्रमिक नेताओं व प्रबंधन ने मिलकर मिल को बंद करने का फैसला लिया है। परिस्थिति को देखते हुए मिल की गेट पर पुलिस को तैनात किया गया है।