पश्चिम बंगाल कोयला तस्करी मामला : आसनसोल की विशेष सीबीआई अदालत में ट्रायल शुरू

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बहुकरोड़ी कोयला तस्करी मामले में ट्रायल प्रक्रिया मंगलवार को पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल में स्थित विशेष सीबीआई अदालत में शुरू हुई। इस हाई-प्रोफाइल मामले में शामिल बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और राजस्व नुकसान के कारण यह मामला काफी चर्चा में रहा है।

ट्रायल के पहले दिन, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के दो वरिष्ठ अधिकारियों के बयान दर्ज किए गए। इस मामले में सीआईएल की सहायक कंपनी ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के 12 अधिकारियों को आरोपित बनाया गया है, जिनमें से नौ के खिलाफ ट्रायल शुरू करने की अनुमति सीआईएल ने दी है।

इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने की है। ईडी ने वित्त मंत्रालय के अधीन वित्तीय अपराधों की जांच करते हुए इस मामले में धनशोधन के पहलुओं की भी पड़ताल की है।

अदालत में अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी। सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में कुल 50 व्यक्तियों और कंपनियों को आरोपित बनाया गया है, लेकिन फिलहाल 49 आरोपितों के खिलाफ ट्रायल शुरू हो चुका है। इनमें तृणमूल कांग्रेस के पूर्व युवा नेता विनय मिश्रा भी शामिल हैं, जो फरार हैं और माना जा रहा है कि उन्होंने वानुआतु द्वीप में नागरिकता ले ली है। उनके भाई विकास मिश्रा भी इस मामले के प्रमुख आरोपितों में से एक हैं।

सीबीआई की चार्जशीट के अनुसार, 2015 से 2020 के बीच 36 लाख मीट्रिक टन कोयले की चोरी और तस्करी हुई, जिससे सरकार को लगभग एक हजार 340 करोड़ का नुकसान हुआ। जांच में कोल इंडिया लिमिटेड, ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड और कोयला खदानों की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के अधिकारियों की संलिप्तता का भी खुलासा हुआ है।

मामले के प्रमुख आरोपित अरूप माझी, उर्फ लाला, फिलहाल जमानत पर हैं।

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