कोलकाता : भारत में समानांतर सिनेमा के पर्याय प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के निधन पर पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज ने शोक व्यक्त किया है। संगठन की ओर से शोक संदेश जारी करते हुए
मीडिया प्रभारी श्रेया जायसवाल ने कहा कि अंकुर, निशांत, मंथन फिल्मों में तड़पते भारत के संघर्ष को श्याम बेनेगल ने जीवंत कर दिया था। यथार्थवादी सिनेमा को पूरे देश के दर्शकों के बीच लोकप्रिय करनेवाले श्याम बेनेगल पहले निर्देशक बने।सत्तर के दशक में समानांतर सिनेमा का नेतृत्व श्याम बेनेगल ने किया था। भारतीय सिनेमा की दो शक्तिशाली नायिकाएँ शबाना आज़मी, स्मिता पाटिल, कैमरामैन और निर्देशक गोविंद निहलानी, अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी, गिरीश कर्नाड, अमरीश पुरी, साधु मेहर, अनंत नाग, मोहन आगाशे को श्याम बेनेगल और उनका युग की देन के तौर पर याद किया जाता है। “नेताजी सुभाष चन्द्र बोस_ ए फारगाटेन हीरो “सुभाष चन्द्र के जीवन पर बनी एक यादगार फिल्म है। पश्चिम बंगाल की वाममोर्चा सरकार के आमंत्रण पर उन्होंने बंगाल के भूमि सुधार पर “आरोहण “फिल्म का निर्देशन किया था जिसकी आउटडोर शूटिंग महानगर के काशीपुर इलाके में हुई थी।
दूरदर्शन के लिए “भारत एक खोज” धारावाहिक और राज्यसभा टी वी के लिए 2014 में “संविधान” धारावाहिक का निर्देशन किया था। सत्यजित राय पर उन्होंने डाक्यूमेंट्री फिल्म बनायी थी। सत्यजित राय, ऋत्विक घटक, मृणाल सेन के बाद श्याम बेनेगल यथार्थवादी सिनेमा के महत्वपूर्ण स्तम्भ रहे। करीब 50 साल वे सिनेमा के निर्माण में सक्रिय रहे।
पश्चिम बंग हिंदी भाषी समाज उनके परिवार के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित करता है।