West Bengal : लिप्स एंड बाउंड्स ने कागजी व्यापार के आधार पर किया करोड़ों रुपये का लेनदेन – ईडी

कोलकाता : नियुक्ति घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपनी पांचवीं पूरक चार्जशीट में तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी की कंपनी लिप्स एंड बाउंड्स को मुख्य आरोपित बताया है।

ईडी का दावा है कि शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार के एवज में वसूली गई धनराशि पूरे राज्य से लाकर अभिषेक बनर्जी की ही कंपनी में जमा की गई थी। बिना किसी व्यापारिक लेनदेन के इस कंपनी के बैंक खाते में कई करोड़ रुपये जमा हुए हैं।

चार्जशीट के अनुसार, एक साइकिल कंपनी सहित चार अन्य कंपनियों से कुल 2.83 करोड़ रुपये लिप्स एंड बाउंड्स के खाते में ट्रांसफर हुए। ईडी का कहना है कि इन कंपनियों और लिप्स एंड बाउंड्स के बीच व्यापारिक लेनदेन सिर्फ कागजों पर हुआ। असल में किसी सामान की खरीद-फरोख्त नहीं हुई।

लेनदेन का विवरण चार्जशीट के अनुसार,

  • लक्ष्मी साइकिल प्राइवेट लिमिटेड से 1.34 करोड़ रुपये
  • नवीन एंटरप्राइज से 1.24 करोड़ रुपये
  • एग्जॉटिक इन्वेंशन एंटरप्राइज से 14.5 लाख रुपये
  • इंटीग्रेटेड इन्वेंशन ट्रेडिंग से 10 लाख रुपये
    लिप्स एंड बाउंड्स के खाते में जमा हुए।

    ‘फर्जी व्यापार’ का आरोप

    ईडी ने दावा किया कि इन कंपनियों ने लिप्स एंड बाउंड्स के साथ फर्जी ‘इनवॉयस’ के आधार पर लेनदेन किया। इन फर्जी इनवॉयस में इलेक्ट्रिक केटल, चश्मा और अन्य वस्तुओं का उल्लेख था, लेकिन वास्तव में कोई सामान खरीदा या बेचा नहीं गया।

    चार्जशीट में लक्ष्मी साइकिल प्राइवेट लिमिटेड के मालिक नवीनकुमार गुप्ता और उनके साथी मनोज मानहोत का नाम भी शामिल है। ईडी के अनुसार, मनोज, जो शेयर बाजार के दलाल हैं, ने फर्जी इनवॉयस तैयार कर नवीनकुमार के जरिए लिप्स एंड बाउंड्स को पैसे ट्रांसफर कराए। नवीनकुमार ने जांच में स्वीकार किया कि उन्होंने लिप्स एंड बाउंड्स के साथ कभी प्रत्यक्ष व्यापार नहीं किया।

    अभिषेक बनर्जी की भूमिका

    ईडी ने कहा कि अभिषेक बनर्जी ने खुद स्वीकार किया था कि लिप्स एंड बाउंड्स उनकी बनाई कंपनी है। हालांकि, 2014 में चुनाव लड़ने के लिए उन्होंने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। कंपनी के वित्तीय कार्यों की देखरेख ‘कालीघाट के काकू’ सुजयकृष्ण भद्र करते थे।

    ईडी ने लिप्स एंड बाउंड्स के लेनदेन को लेकर गहराई से जांच की है। इस घोटाले में शामिल अन्य कंपनियों और व्यक्तियों की भी भूमिका की जांच की जा रही है। नियुक्ति घोटाले में ईडी और सीबीआई दोनों जांच एजेंसियां सक्रिय हैं और आरोपितों से पूछताछ का सिलसिला जारी है।

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