कोलकाता : राज्य सरकार सीएजी रिपोर्ट से सहमत नहीं है। मुख्य सचिव बीपी गोपालिक ने शुक्रवार को नवान्न में संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीएजी की उस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं कर पा रही है। रिपोर्ट में कुल आठ विभागों का जिक्र है। इसमें दो लाख 29 हजार करोड़ रुपये की बात हो रही है। एक गलतफहमी हो गयी है क्योंकि 2002-03 से लेकर 20 साल के हिसाब-किताब को लेकर कहा जा रहा है कि ये 2021 की रिपोर्ट है। इसलिए राज्य सरकार यह स्पष्ट कर रही है कि यह 20 साल की गणना है।
दरअसल, सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है, 2011 में ममता बनर्जी सरकार के सत्ता में आने के बाद से मार्च 2021 तक केंद्रीय अनुदान के एक लाख 94 हजार करोड़ रुपये से अधिक व्यय प्रमाणपत्र (यूसी) में जमा नहीं की है।
नरेंद्र मोदी सरकार ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल सरकार केंद्रीय अनुदान के करीब दो लाख 29 हजार करोड़ रुपये के खर्च का प्रमाणपत्र जारी नहीं कर पाई है। विपक्ष का दावा है कि ये पैसा तृणमूल सरकार ने गबन किया है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है।
तृणमूल का दावा है कि इसमें 2002-03 तक वामपंथ सरकार का हिसाब भी शामिल हैं।
शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव ने कहा, ”अब सवाल यह है कि अगर 20 साल से हिसाब नहीं दिये गए तो हमसे चर्चा क्यों नहीं की गई?
गोपालिक ने आगे कहा, ”मैं सीएजी रिपोर्ट को स्वीकार नहीं कर सकता क्योंकि, यह उचित रिपोर्ट नहीं है। सभी विभागों के सचिव यूसी लेकर बैठे हैं।” पिछले दो वर्षों में विभिन्न मंत्रालयों से ऐसी 334 टीमें आई हैं। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के साथ-साथ पंचायतें भी शामिल हैं। सभी 334 केंद्रीय दलों को जानकारी दे दी गई है। सचिवालय में संवाददाता सम्मेलन में वित्त सचिव मनोज पंत, गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती और अन्य उपस्थित थे।