कोलकाता : महल जैसे घर, पालतू घोड़े, और कछुए। सोनारपुर में महिलाओं को जंजीरों में बांधकर यातना देने की घटना से पूरे इलाके में हलचल मच गई थी, जिसके बाद से मुख्य आरोपित जमालुद्दीन सरदार अचानक गायब हो गया था। उसे पश्चिम बंगाल का दूसरा शेख शाहजहां कहा जा रहा है और वह भी पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। लेकिन पता चला है कि जंजीरों में बांधकर पीटने का वीडियो वायरल होने के बाद उसने कम से कम छह महीने तक छिपने की योजना बनाई थी। मास्क पहनना और बार-बार सिम कार्ड बदलना उसका तरीका था। लेकिन, नई सिम से सास को फोन करना उसे भारी पड़ गया।
दरअसल पुलिस ने उसे पकड़ने के लिए उसके जानने पहचान और रिश्तेदारी के हर एक करीबी शख्स को मिलाकर ऐसा जाल बिछाया था, जिसमें आखिरकार वह फंस गया। जमाल का ससुराल घुटियारि शरीफ इलाके में था। मंगलवार को उसने अपना घर छोड़कर ससुराल के पास एक जंगल में रात बिताई। सुबह-सुबह मास्क पहनकर ट्रेन से विधाननगर स्टेशन पहुंचा और एक परिचित से मिला। बुधवार को वह वहीं रहा। गुरुवार को फिर उसने जगह बदली और सोनारपुर के मिलनपल्ली पहुंचा। पहले उसने आत्मसमर्पण करने का सोचा, लेकिन वकील की सलाह सुनकर वह फिर भाग निकला और डानकुनी चला गया। इस बीच, जमाल की पत्नी और बच्चे घुटियारि शरीफ चले गए।
उसे यकीन था कि मोबाइल टावर लोकेशन से पकड़ा जा सकता है, इसलिए जमाल बार-बार सिम कार्ड बदल रहा था। अपनी पत्नी और बच्चों की खबर लेने के लिए उसने नई सिम से सास को फोन किया, जिससे उसकी मुसीबत बढ़ गई। पुलिस ने पहले से ससुराल का नंबर ट्रेस पर रखा था और संदिग्ध नंबर से कॉल की जानकारी मिलते ही हरकत में आ गई। पुलिस ने ससुराल से उसके एक साले को हिरासत में लिया और पूछताछ की। उससे मिली जानकारी के आधार पर पुलिस को जमाल के संभावित ठिकाने का पता चला।
शुक्रवार शाम सात बजे पुलिस ने आखिरकार जमाल को गिरफ्तार कर लिया। शनिवार को उसे बारुईपुर महकुमा अदालत में पेश किया गया, जहां जांचकर्ताओं ने उसे अपनी हिरासत में लेकर पूछताछ करने की योजना बनाई है।