कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के कार्यालय को अब राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भारतीय निर्वाचन आयोग को दैनिक रिपोर्ट भेजनी होगी।
सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने कहा कि आयोग के शीर्ष अधिकारी राज्य के हर कोने में कानून-व्यवस्था की सामान्य स्थिति में उल्लंघन के हर मामले की जानकारी चाहते हैं, जिसका संकलन इस वर्ष निर्धारित आगामी लोकसभा चुनावों के दौरान सुरक्षा-व्यवस्था तैयार करने में काम आएगा।
दैनिक रिपोर्ट में, अन्य बातों के अलावा, कानून-व्यवस्था के उल्लंघन पर मीडिया रिपोर्ट भी संलग्न करनी होगी। इसके अलावा राज्य सीईओ कार्यालय को कुछ अन्य विषयों पर भी आयोग को नियमित रिपोर्ट भेजनी होगी। इनमें संशोधित मतदाता सूची, फर्जी और मृत मतदाताओं की पहचान, डुप्लिकेट मतदाता पहचान पत्र, इस संबंध में विभिन्न राजनीतिक दलों का अवलोकन, राज्य में उपलब्ध इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों और वीवीपीएटीएस की स्थिति आदि का विवरण शामिल है।
सीईओ कार्यालय के सूत्र ने कहा कि हालांकि किसी भी चुनाव से पहले लगातार रिपोर्ट मांगना एक आम बात है, लेकिन इस बार यह प्रक्रिया चुनाव से काफी पहले शुरू हो गई है। उनके अनुसार, एक बार मतदान की तारीखों की घोषणा होने के बाद आयोग को भेजी जाने वाली दैनिक रिपोर्ट अधिक व्यापक हो जाएगी क्योंकि इसमें आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के मामलों और नकदी, शराब, अवैध हथियार और गोला-बारूद जैसी विभिन्न वस्तुओं की बरामदगी की रिपोर्ट शामिल होंगी।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली में एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता के समर्थकों द्वारा ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हालिया हमले ने पश्चिम बंगाल पर केंद्रीय एजेंसियों का ध्यान केंद्रित कर दिया है।
पर्यवेक्षकों का मानना है कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर दैनिक रिपोर्ट मांगने का उस घटना से कुछ संबंध हो सकता है।