कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ओबीसी आरक्षण पर कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने घोषणा कर दी है कि वह हाई कोर्ट के फैसले को नहीं मानेंगी। ममता ने कहा कि ओबीसी आरक्षण जारी है और जारी रहेगा। इसे इस तरह से रद्द नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस फैसले को ”भाजपा का फैसला” बताकर इसकी आलोचना भी की।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बुधवार को 2010 से राज्य के सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए। संयोग से, तृणमूल 2011 से राज्य में सत्ता में आई है। परिणामस्वरूप, अदालत का आदेश केवल तृणमूल के जमाने में जारी ओबीसी प्रमाण पत्र पर प्रभावी होगा।
इस फैसले के बाद बुधवार को दमदम के पानीहाटी में एक सार्वजनिक सभा में ममता ने कहा, “मैं एक न्यायाधीश के रूप में सज्जन व्यक्ति का सम्मान करती हूं।” लेकिन वह कई चीजों के लिए मशहूर हैं। प्रधानमंत्री कई दिनों से कह रहे हैं कि आरक्षण छीन लेंगे। क्या ऐसा कभी होता है ? ऐसे में संविधान को भंग कर देना चाहिए। यह नहीं हो सकता। मैं इस फैसले को स्वीकार नहीं करती। उन्होंने 26 हजार नौकरियां रद्द कर दीं, तब भी मैंने उस फैसले को नहीं माना। बुधवार को आया फैसला भाजपा का फैसला है। हम सहमत नहीं हैं। ओबीसी आरक्षण जारी है, जारी रहेगा।”
ममता के मुताबिक भाजपा असल में इस फैसले के जरिए मुस्लिमों का आरक्षण रद्द करने की कोशिश कर रही है।