कोलकाता : नदिया जिले के रानाघाट में इस वर्ष 112 फीट ऊंची दुर्गा प्रतिमा को लेकर विवाद ने एक नया मोड़ लिया है। बुधवार, महालया के दिन, रानाघाट के अभियान संघ ने इस भव्य पंडाल और पूजा को बंद करने का निर्णय लिया। इस बारे में समिति के सदस्य सुजय विश्वास ने बताया कि उनके पास अब अदालत में लड़ने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इस बारे में उन्होंने अपने वकीलों को सूचित कर दिया है।
यह दुर्गा प्रतिमा न केवल अपने आकार बल्कि सुरक्षा और प्रशासनिक मुद्दों के चलते विवादों में रही। नदिया जिले के जिलाधिकारी और पुलिस विभाग ने सुरक्षा कारणों से इस पर रोक लगा दी थी, क्योंकि इतनी ऊंची प्रतिमा के लिए उचित बुनियादी ढांचा नहीं था। बिजली विभाग ने भी बताया कि इतने बड़े पंडाल के लिए जितनी बिजली की आवश्यकता थी, वह उपलब्ध नहीं हो सकती थी। साथ ही, संकरी सड़कों और संभावित भीड़ नियंत्रण के कारण इस वर्ष के आयोजन को सुरक्षा के दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं माना गया था
इस विवाद के बाद आयोजन समिति ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। समिति के वकील विकास रंजन भट्टाचार्य ने यह तर्क दिया था कि पिछले 50 वर्षों से इस आयोजन को बिना किसी समस्या के अनुमति मिलती रही है। लेकिन इस बार प्रशासनिक चुप्पी और कई विभागों की आपत्ति के बाद अदालत में मामला पहुंचा। अंततः, हाई कोर्ट ने जिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे 24 घंटे के भीतर अंतिम निर्णय लें, जिसके बाद यह मामला निर्णायक मोड़ पर पहुंचा। जिलाधिकारी ने कह दिया था कि वह इतने बड़े प्रतिमा की अनुमति नहीं दे सकते। अब समिति के पूजा बंद करने के निर्णय से भक्तों में निराशा है।