इतिहास के पन्नों में 09 अप्रैलः पाकिस्तान की सेना ने कच्छ में किया हमला, भारत का पलड़ा रहा भारी

देश-दुनिया के इतिहास में 09 अप्रैल की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख कई मायनों में खास है। 1965 में 09 अप्रैल को ही गुजरात के कच्छ में पाकिस्तान की सेना ने हमला बोला था। पाकिस्तान ने इसे ऑपरेशन डेजर्ट हॉक नाम दिया था। करीब पांच महीने चले इस युद्ध में भारत का पलड़ा भारी रहा। इस युद्ध का अंत संयुक्त राष्ट्र की ओर से युद्ध विराम की घोषणा के बाद 23 सितंबर 1965 को हुआ। जनवरी 1966 को हुए ताशकंद समझौते के बाद दोनों देशों ने एक-दूसरे से जीते हुए इलाके वापस लौटा दिए।

इसके अलावा 09 अप्रैल, 2011 को सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने चार दिन से चल रहा अपना आमरण अनशन तोड़ा था। अन्ना भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन पर थे। उनकी मांग थी कि सरकार लोकपाल विधेयक का मसौदा तैयार करने के लिए एक कमेटी बनाए। सरकार ने उनकी मांग मानते हुए अनशन के पांचवें दिन यानी 09 अप्रैल को इसके लिए अधिसूचना जारी की। इसके बाद अन्ना ने एक बच्ची के हाथों नींबू पानी पीकर अपना अनशन तोड़ा।

अनशन तोड़ने के बाद उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि 15 अगस्त तक लोकपाल विधेयक पास नहीं किया जाता, तो अगले दिन से वो एक बार फिर आंदोलन शुरू करेंगे। 15 अगस्त तक विधेयक पास नहीं हुआ और 16 अगस्त को अन्ना दोबारा अनशन पर बैठे। इसके बाद देशभर में अन्ना के समर्थन में आंदोलन शुरू हो गए। आखिरकार सरकार को आनन-फानन में इस बिल को लोकसभा में लाना पड़ा। लोकसभा में बिल पास होने के बाद अन्ना का आंदोलन खत्म हुआ। अन्ना के आंदोलन को किरण बेदी, कुमार विश्वास, अनुपम खेर, जनरल वीके सिंह, योगेंद्र यादव जैसी हस्तियों ने समर्थन दिया। पूरे आंदोलन से सबसे ज्यादा फायदा अरविंद केजरीवाल को हुआ। इस आंदोलन से नेता बने केजरीवाल मुख्यमंत्री बने। आज वह दिल्ली शराब घोटाले में जेल में हैं। और 09 अप्रैल 2003 को बगदाद के फिरदौस चौराहे पर लगी सद्दाम हुसैन की मूर्ति को गिरा दिया गया था। ये इराक में सद्दाम की तानाशाही के खात्मे का प्रतीक थी।

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