इतिहास के पन्नों में 30 दिसंबर : जब नेताजी ने फहराया तिरंगा

नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 को अंडमान निकोबार के द्वीप पोर्ट ब्लेयर के जिमखाना ग्राउंड पर पहली बार तिरंगा फहराया। यह वही तिरंगा था जिसे कांग्रेस ने अपनाया था। इसकी बीच की सफेद पट्टी पर चरखा बना था।

इस द्वीप पर तिरंगा फहराने के बाद नेताजी ने अंडमान का नाम शहीद और निकोबार का नाम स्वराज रखा। इसके बाद आजाद हिंद सरकार ने जनरल लोकनाथन को यहां गवर्नर बनाया। 1947 में ब्रिटिश सरकार से मुक्ति के बाद ये भारत का केंद्र शासित प्रदेश है।

दरअसल, दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान 1942 में जापान ने अंडमान निकोबार पर कब्जा किया जो 1945 तक बरकरार रहा। जापान ने इसे 1943 में नेताजी सुभाषचंद्र बोस की आजाद हिंद फौज को सौंप दिया। दूसरे विश्वयुद्ध में जब जापान की हार हुई तो यह वापस ब्रिटेन के पास चला गया। हालांकि सबसे पहले हालैंड ने इसपर कब्जा किया था। उसके बाद यह ब्रिटिश नियंत्रण में गया।

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