कोलकाता : दक्षिण कोलकाता के भवानीपुर में आवास के पास गुजराती दंपति की निर्मम हत्या को लेकर भाजपा ने राज्य प्रशासन पर सवाल खड़ा किया है। पार्टी की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने बुधवार को कहा है कि ममता बनर्जी ने दूसरे राज्यों से आए लोगों को बहिरागत ( बाहरी लोग) कहकर इतनी नफरत फैलाई है कि यहां दूसरे राज्यों के लोगों का जिंदा रहना अब संभव नहीं दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भतीजे के घर के पास हत्या की यह घटना हुई है जहां हमेशा सैकड़ों पुलिस वाले रहते हैं। थोड़ी ही दूरी पर मुख्यमंत्री का भी आवास है जहां 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती रहती है, फिर भी ऐसी घटना हुई। क्या दूसरे राज्यों से बंगाल आये लोगों को जिंदा रहने का अधिकार नहीं है? अब तक भाजपा करने वाले लोगों को मौत के घाट उतारा जाता था और अब आम लोगों को भी नहीं बख्शा जा रहा। बंगाल में कानून व व्यवस्था पूरी तरह से खत्म है।
ममता की रैली में बच्चों को लाये जाने पर उठाए सवाल
अलीपुरद्वार में मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सभा में एक 11 साल की बच्ची की सेहत बिगड़ने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा वहां पहुंचकर उसे पानी पिलाने और फोटो खींचने को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़ा किया। दिलीप घोष ने कहा कि आखिर ममता बनर्जी की रैली में इतनी छोटी बच्ची क्यों आई? इसका मतलब है कि तृणमूल कांग्रेस बच्चों को लेकर राजनीति कर रही है। जिन लोगों को ममता बनर्जी की सरकार ने ‘सबुज साथी’ की साइकिल दी है उन्हें रैली में आने के लिए मजबूर किया गया। ममता बनर्जी को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।
यूट्यूबर रोदुर रॉय की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि तृणमूल के लोग जिस भाषा का इस्तेमाल करते हैं वह बंगाल के लिए शर्मनाक है लेकिन यूट्यूबर्स को डराने धमकाने के लिए गिरफ्तारियां हो रही हैं।
उन्होंने पंचायत चुनाव में संभावित हिंसा का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल पंचायत चुनाव में 34 सीटों पर भाजपा को उम्मीदवार नहीं उतारने दिया गया था और अब की बार ऐसा लगता है कि 50 सीटों पर नहीं उतारने दिया जाएगा। पुलिस प्रशासन को इसके लिए पहले से निर्देश दिए जा रहे हैं।