कोलकाता : बैरकपुर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो चुके सांसद अर्जुन सिंह की केंद्रीय सुरक्षा हटाने के मामले में शुक्रवार को कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से रिपोर्ट तलब की है।
दरअसल, गुरुवार को उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर शुक्रवार को सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मौसमी भट्टाचार्य ने अर्जुन सिंह की सुरक्षा वापस लेने का कारण बताने के निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय को दिए हैं। अर्जुन सिंह के अधिवक्ता सप्तांशु बसु ने कहा कि अर्जुन सिंह फिलहाल भारतीय जनता पार्टी में ही हैं, वह कुछ तृणमूल नेताओं से मिले जरूर थे लेकिन कागजी तौर पर वह भाजपा के सांसद हैं और उन्हें सुरक्षा की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 5 जुलाई को एक नोटिस दिया गया था, जिसके बाद 6 जुलाई को जेड कैटेगरी की सुरक्षा हटा ली गई। यह जनप्रतिनिधि की सुरक्षा से खिलवाड़ है।
इसके जवाब में केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिवक्ता बिलबदल भट्टाचार्य ने कोर्ट को बताया कि राज्य के जनप्रतिनिधियों को सुरक्षा देने का काम राज्य सरकार का है। परिस्थिति का जायजा लेने के बाद केंद्र सरकार भी सुरक्षा देती है। राज्य सरकार ने सुरक्षा वापस ले ली थी इसलिए केंद्र सरकार ने सुरक्षा दी थी। फिलहाल उनके खिलाफ किसी भी तरह की सुरक्षा चुनौती सामने नहीं आई है इसलिए सुरक्षा वापस ले ली गई है। उन्होंने बताया कि जिस व्यक्ति ने सांसद अर्जुन सिंह को धमकी दी थी, वह फिलहाल जेल में है। इस पर न्यायामूर्ति ने सवाल किया कि इसका मतलब है कि अर्जुन सिंह को अब सुरक्षा का कोई खतरा नहीं रह गया है। इसके जवाब में राज्य की तरफ से अधिवक्ता अनिर्वाण राय ने कहा कि अर्जुन सिंह की सुरक्षा क्यों हटाई गई है, इस बारे में केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए। पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि खतरा है या नहीं, यह देखकर ही सुरक्षा देने अथवा नहीं देने के बारे में निर्णय लिया जाता है। बावजूद इसके केंद्र सरकार लिखित में अपनी रिपोर्ट जमा करे। इस मामले में अगली सुनवाई 20 जुलाई को होगी। तब तक केंद्र सरकार रिपोर्ट जमा करनी है और इसी बीच राज्य सरकार को अर्जुन सिंह की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी।