कोलकाता : पश्चिम बंगाल में देश के सबसे आधुनिक मेट्रो कोच बनने जा रहे हैं। आने वाले दिनों में पुणे और बैंगलोर मेट्रो देश के सबसे आधुनिक मेट्रो बनने जा रहे हैं और वह मेट्रो कोच इसी राज्य में बनेंगे। टीटागढ़ वैगन के सीएमडी उमेश चौधरी ने कहा कि हम उत्तरपाड़ा फैक्ट्री में कई बदलाव ला रहे हैं, तकनीकी बदलाव लाए जा रहे हैं। वह काम शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बुधवार को कोच फैक्ट्री के इस हिस्से का उद्घाटन करने जा रही हैं।
यह काम इसी साल से हुगली जिले के उत्तरपाड़ा में शुरू होने जा रहा है। इसे औद्योगिक कंपनी टीटागढ़ वैगन बनाएगी। यहीं पर इटली की तकनीक से भारत के पहले रेल लिंक का निर्माण शुरू होने वाला है जिससे उद्योग जगत को प्रोत्साहन मिल रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस कोच फैक्ट्री को लेकर खुश हैं। उन्होंने खुद कहा कि उत्तरपाड़ा के पास कोच तैयार किया जाएगा। ये सभी उद्योग क्षेत्र और इस राज्य के लड़के और लड़कियों के लिए रोजगार के अवसर देंगे।
मिली जानकारी के अनुसार परिवहन इंजीनियरिंग क्षेत्र में मेट्रो द्वारा आत्मनिर्भर भारत की शुरुआत होने जा रही है। केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय पहले ही पुणे मेट्रो के बारे में घोषणा कर चुका है। जून 2021 में, पुणे मेट्रो के लिए पहले ट्रेन सेट भारत में आ चुके हैं। इन मेट्रो डिब्बों का निर्माण टीटागढ़ वैगन की इतालवी फैक्ट्री में किया जा रहा है। वहां से यह भारत आएगी।
केंद्रीय शहरी मंत्रालय ने पहले जानकारी दी थी कि हालांकि पहले तीन ट्रेन सेट इटली से आएंगे, बाकी सभी ट्रेनों का निर्माण भारत में किया जाएगा और वह काम बंगाल की कंपनी टीटागढ़ वैगन द्वारा किया जाएगा।
पुणे मेट्रो के लिए कुल 102 कोच की जरूरत है। तीन-तीन डिब्बों का एक ट्रेन सेट बनाया जाएगा। प्रत्येक कोच अति आधुनिक स्तर का होगा। बैंगलोर मेट्रो को भी सैकड़ों कोचों की जरूरत है।
संस्था के सूत्रों के मुताबिक ऐसा कोच देश में पहले कभी नहीं बना है। हर कोच एल्युमीनियम का होगा जो एक सामान्य मेट्रो कोच से करीब पांच टन हल्का होने वाला है। यह कोच पर्यावरण के अनुकूल होगा। कंपनी के सूत्रों के मुताबिक अगर इस कोच को लॉन्च किया जाता है तो बिजली की खपत काफी कम होगी। सब कुछ इतालवी तकनीक का उपयोग करके बनाया गया है। कोचों के अंदर काफी जगह होगी। एक बड़ी खिड़की होगी। हैंडल सुविधाजनक ऊंचाई पर होगी।
यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई उपाय किए जायेंगे। यह पहली बार है जब कोई एंटी-ड्रैग सिस्टम होगा। अगर किसी तरह दरवाजे में कुछ फंस जाता है तो ट्रेन शुरू नहीं होगी। कमरे के अंदर एक इंफ्रारेड फायर डिटेक्शन यूनिट भी होगी। यात्रियों की सीटें अधिक आरामदायक होंगी। व्हील चेयर रखने की सुविधा होगी। पूरे कोच में कई सीसी कैमरे रहेंगे। जिससे मोटरमैन इस पर नजर रखेगा कि कमरे के हर कोने में क्या हो रहा है। इसके अलावा टॉकबैक सिस्टम होगा। यात्री मोटरमैन से बात कर सकेंगे।