कोलकाता : पश्चिम बंगाल में शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी ने अपनी फर्जी कंपनी का मालिक अपने घर के चपरासी को बना रखा था। यानी एक ऐसी कंपनी जिसका असल में कोई अस्तित्व नहीं था। कागज पर कंपनी बनाई गई थी और उसका मालिकाना हक अर्पिता ने अपने नौकर को दे रखा था।
चौंकाने वाली बात यह है कि उस चपरासी को भी इस बात की जानकारी नहीं थी। ईडी के अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में खुलासा किया है। पता चला है कि बेलघरिया के क्लब टाउन स्थित फ्लैट पर अर्पिता मुखर्जी की एक फर्जी कंपनी चलती थी। यहां फ्लैट की देखरेख करने वाला जो चपरासी था उसी को मालिक बनाया गया था। कंपनी का नाम था जमीरा सनसाइंस प्राइवेट लिमिटेड। इस रियल स्टेट कंपनी का पंजीकरण जिस व्यक्ति के नाम पर है वह यह भी नहीं जानता कि वह इस कंपनी में शामिल है। उसका नाम देवाशीष देवनाथ है। वह अर्पिता के घर में चपरासी का काम करता है। इसके अलावा इच्छे इंटरटेनमेंट का जो पता अर्पिता ने दिया था वह भी फर्जी निकला है। अब अर्पिता और पार्थ से इस बारे में पूछताछ हो रही है।